fbpx
Saturday, October 12, 2024

अष्टछाप के कवि कौन है , आइये जानते है

अष्टछाप के कवि भारतीय भक्ति काव्य धारा के महत्वपूर्ण कवि हैं, जो भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति और वैष्णव परंपरा से जुड़े थे। अष्टछाप का गठन वल्लभाचार्य और उनके पुत्र विट्ठलनाथ द्वारा किया गया था। इन आठ कवियों को वल्लभ संप्रदाय के प्रमुख भक्त-कवि माना जाता है, जिन्होंने श्रीकृष्ण की महिमा और उनके लीलाओं का वर्णन अपने काव्य में किया।

अष्टछाप के आठ कवि

  1. कुंभनदास:
    • कुंभनदास अष्टछाप के सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध कवि थे। वे वृन्दावन के निवासी थे और भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त थे। उनके काव्य में भक्ति और वैराग्य के गहरे भाव मिलते हैं।
    • प्रसिद्ध रचना: “प्रभु जी तुम चंदन, हम पानी”
  2. सूरदास:
    • सूरदास को हिन्दी साहित्य के महान कवियों में गिना जाता है। वे अष्टछाप के सबसे लोकप्रिय कवि थे, जिन्होंने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और राधा-कृष्ण प्रेम का वर्णन किया। उनकी रचनाओं में कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन मिलता है।
    • प्रसिद्ध रचना: “मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो”
  3. परमानंददास:
    • परमानंददास ने अपनी रचनाओं में कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का वर्णन किया है। वे अत्यंत सरल भाषा और शैली में भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति व्यक्त करते थे।
    • प्रसिद्ध रचना: “मधुराष्टक”
  4. कृष्णदास:
    • कृष्णदास अष्टछाप के प्रमुख कवि थे, जिन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपने काव्य के माध्यम से भक्ति और प्रेम प्रकट किया। उनकी रचनाओं में भगवान की लीलाओं का सजीव वर्णन मिलता है।
  5. चित्तस्वामी:
    • चित्तस्वामी ने भगवान श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति के गीत लिखे और उनकी लीलाओं का सुंदर वर्णन किया। वे भगवान के गुणगान और भक्ति में तल्लीन रहते थे।
  6. गोविंदस्वामी:
    • गोविंदस्वामी ने अपने काव्य में भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं और राधा-कृष्ण के प्रेम का वर्णन किया। वे अत्यंत भावुक और भक्तिपूर्ण शैली में लिखते थे।
  7. नंददास:
    • नंददास ने भगवान श्रीकृष्ण की रास लीलाओं और बाल लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया। उनके काव्य में राधा-कृष्ण प्रेम की सुंदर झलक मिलती है।
    • प्रसिद्ध रचना: “अनंग रास”
  8. छीतस्वामी:
    • छीतस्वामी भी अष्टछाप के कवियों में से एक थे। वे भगवान श्रीकृष्ण के प्रति प्रेम और भक्ति के काव्य लिखते थे, जिसमें भक्ति भावना की प्रमुखता होती थी।

अष्टछाप की विशेषताएँ

  • भक्ति काव्य: अष्टछाप के सभी कवियों की रचनाओं में भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अनन्य भक्ति और प्रेम व्यक्त किया गया है। उन्होंने अपने काव्य के माध्यम से श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं, रास लीला, और उनके गुणों का विस्तार से वर्णन किया।
  • वल्लभ संप्रदाय का प्रभाव: सभी कवि वल्लभाचार्य और उनके पुत्र विट्ठलनाथ के अनुयायी थे, और उन्होंने वैष्णव परंपरा के अनुसार श्रीकृष्ण की भक्ति को बढ़ावा दिया।
  • सांगीतिक रूप: अष्टछाप के कवियों की रचनाओं को संगीत के साथ गाया जाता था, जिससे उनका काव्य अधिक प्रभावशाली और भावपूर्ण बनता था।

निष्कर्ष:

अष्टछाप के कवियों ने भक्ति और प्रेम के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और गुणों का वर्णन किया। इन आठ कवियों ने हिन्दी भक्ति साहित्य को समृद्ध किया और वल्लभ संप्रदाय की परंपरा को स्थापित किया।

More Topics

रेड लाइट एरिया में जाने पर क्या होती है जेल?

रेड लाइट एरिया, जिसे वेश्यालयों के लिए जाना जाता...

“जिगरा”: आलिया भट्ट की फिल्म जो देती है जेल में रहने का एहसास!

मुंबई: आलिया भट्ट की बहुप्रतीक्षित फिल्म "जिगरा" ने अपने...

पहले मुर्गी आई या अंडा: वैज्ञानिकों ने खोजा सही जवाब

नई दिल्ली: लंबे समय से चल रहे "पहले मुर्गी...

इन 2 कारणों से मनाया जाता है दशहरे का पर्व , जानें

शारदीय नवरात्र के 9 दिन मां भगवती के व्रत...

घर बैठे यूपीएससी की तैयारी : आसान टिप्स और रणनीतियाँ

यूपीएससी (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) की परीक्षा देश की...

शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर छात्रों के लिए सेवा करने पर रोक

छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों एवं शासकीय दंत...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े