इस दुनिया में माता सीता और भगवान श्री राम के रिश्ते की मिसाल मिलती है। माना जाता है कि हर पति-पत्नी को भगवान राम और माता सीता की तरह प्रेम और विश्वास होना चाहिए। हम बचपन से रामायण सुनते आए हैं। भगवान श्री राम ने माता सीता का विवाह करने के लिए शिव धनुष को तोड़ दिया। अक्सर लोगों के मन में यह प्रश्न उठता है कि भगवान राम और माँ सीता की आयु कितनी थी?
आप इसे जानते हैं।
विभिन्न विद्वानों का कहना है कि माता सीता और प्रभु श्री राम के बीच एक विवाह नहीं था। लेकिन हम सिर्फ ऋषियों द्वारा एक विशेष ग्रन्थ में लिखी गई बातों का उल्लेख करेंगे। हिंदी साहित्य में महर्षि तुलसीदास का बहुत बड़ा योगदान है | हिन्दुस्तान पर मुगल बादशाह अकबर का शासन होने के बावजूद, उन्होंने रामचरित मानस जैसा बड़ा ग्रन्थ लिखा था।
इस समय पहली बार रामायण का अनुवाद संस्कृत से अवधि भाषा में किया गया था | रामचरित मानस की रचना दोहे, चोपाई और छंद में की गयी है | इसमें एक दोहा आता है जिसमे लिखा है:- “वर्ष अठ्ठारह की सिया, सत्ताईस के राम || कीन्हो मन अभिलाष तब, करनो है सुर काम” ||
इस दोहे में स्पष्ट रूप से माँ सीता और प्रभु श्री राम की आयु का उल्लेख किया गया है | इसमें लिखा है जिस समय माता सीता और भगवान श्री राम का विवाह हुआ था उस समय उनकी आयु के बीच लगभग 9 वर्ष का अंतर था | सीता स्वयंवर के समय भगवान राम की आयु 27 वर्ष थी जबकि माता सीता उस समय 18 वर्ष की थी | इस उम्र में भगवान राम का विवाह हुआ था |
तुलसीदास द्वारा रचित रामचरित मानस के अतिरिक्त महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में भी प्रभु राम और माँ सीता की आयु का उल्लेख किया गया है | बता दें की महर्षि वाल्मीकि को सर्वप्रथम रामायण की रचना करने का श्रेय प्राप्त है | लेकिन रामायण में प्रभु श्री राम के जीवन चरित्र का अच्छा वर्णन महर्षि तुलसीदास ने किया है |