भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती घोटाले को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आज बड़ी कार्रवाई की। सीबीआई की 9 सदस्यीय टीम ने संस्थान में छापेमारी कर कई कर्मचारियों और अधिकारियों से पूछताछ की। जांच एजेंसी को संदेह है कि फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए कई लोगों को गैरकानूनी तरीके से नौकरियां दिलाई गईं।
27 लोगों से पूछताछ, दस्तावेजों की जांच
सीबीआई की टीम सुबह एम्स भुवनेश्वर पहुंची और भर्ती प्रक्रिया से जुड़े कई अहम दस्तावेज खंगाले। जांच एजेंसी ने संस्थान के शैक्षणिक ब्लॉक की तीसरी मंजिल पर तैनात श्रमिकों और स्थायी कर्मचारियों समेत कम से कम 27 लोगों से पूछताछ की। रिपोर्ट के मुताबिक, यह घोटाला कई अहम पदों की भर्ती प्रक्रिया में किया गया था।
आगे पढ़ेमुख्य आरोपी हिरासत में, परिवार को दिलाई थी नौकरी
सीबीआई ने इस मामले में मुख्य आरोपी स्मृति रंजन कर को पहले ही हिरासत में ले लिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने धोखाधड़ी के जरिए अपने परिवार के पांच सदस्यों की एम्स भुवनेश्वर में स्थायी नियुक्ति में मदद की थी। जांच एजेंसी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस फर्जीवाड़े में और कौन-कौन शामिल हैं।
सीबीआई की जांच जारी
सीबीआई ने अब तक इस घोटाले या छापेमारी को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं। एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में हुए इस भर्ती घोटाले ने चिकित्सा जगत में हड़कंप मचा दिया है।
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