इस घटना ने साबित कर दिया कि मां की ममता और साहस किसी भी खतरे का सामना करने में सक्षम होता है। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में एक महिला ने अपनी तीन साल की बेटी की जान बचाने के लिए अदम्य साहस का परिचय दिया। जब तेंदुए ने गांव में घुसकर बच्ची पर हमला किया, तो महिला ने हिम्मत से काम लेते हुए वॉलीबॉल नेट का उपयोग कर तेंदुए को फंसा लिया।
घटना की मुख्य बातें:
- मनहरन यादव पर हमला: सुबह करीब साढ़े 10 बजे जंगल में मवेशी चराने गए मनहरन यादव पर तेंदुए ने हमला कर दिया। किसी तरह जान बचाकर लौटे यादव का इलाज जिला अस्पताल में जारी है।
- बच्ची पर हमला: दोपहर में तेंदुआ गांव में घुस आया और तीन साल की बच्ची को निशाना बनाया। हालांकि परिजनों की चीख-पुकार से वह भाग गया।
- महिला का साहस: तेंदुए के दोबारा लौटने पर बच्ची की मां ने घबराने के बजाय तेंदुए को पकड़ने की योजना बनाई। ग्रामीणों के साथ मिलकर उसने वॉलीबॉल नेट की मदद से तेंदुए को काबू किया।
- रेस्क्यू ऑपरेशन: तेंदुए को पकड़ने के बाद वन विभाग को सूचित किया गया। तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तेंदुए को पिंजरे में बंद कर रायपुर के जंगल सफारी भेज दिया गया।
यह घटना न केवल मां के साहस की मिसाल पेश करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सामूहिक प्रयासों और सूझबूझ से किसी भी बड़े खतरे का सामना किया जा सकता है।