छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों एवं शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के तहत, छात्रों को पाठ्यक्रम की अवधि के दौरान निजी प्रेक्टिस, सेवा, या किसी भी प्रकार की नौकरी करने की अनुमति नहीं होगी।
यह निर्णय चिकित्सा शिक्षा रायपुर द्वारा जारी छत्तीसगढ़ स्नातकोत्तर चिकित्सा प्रवेश नियम एवं विवरणिका 2021 के अनुसार लिया गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग का मानना है कि छात्रों को अपने पाठ्यक्रम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, ताकि वे बेहतर चिकित्सा शिक्षा प्राप्त कर सकें।
इस आदेश के तहत सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के अधिष्ठाताओं और दंत चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्यों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि स्नातकोत्तर छात्र-छात्राएं इस नियम का सख्ती से पालन करें।
इसके अतिरिक्त, सभी छात्र-छात्राओं से एक शपथ पत्र प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया गया है। इस शपथ पत्र में छात्रों को यह आश्वासन देना होगा कि वे अपनी पाठ्यक्रम अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की अनधिकृत निजी प्रेक्टिस, सेवा, या नौकरी नहीं करेंगे।
यह कदम छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने और चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है। शिक्षा विभाग ने इस नियम का उल्लंघन करने वाले छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।