बिलासपुर: यह घटना साइबर ठगी का एक उदाहरण है, जिसमें अपराधी युवती को डराकर रुपये की मांग कर रहे थे। अपराधियों ने खुद को पुलिस के अधिकारी बताकर पीड़ित को यह विश्वास दिलाया कि वह इंटरनेट पर अश्लील वीडियो देखने के कारण एक कानूनी मामले में फंस गई हैं। इसके बाद, उन्होंने रुपये की मांग की और धमकी दी कि अगर रकम नहीं दी जाती, तो गिरफ्तारी हो सकती है।
युवती ने पहले तो डरकर रुपये देने का विचार किया, लेकिन फिर उसने ठगों को सिविल लाइन थाने के पास आकर रुपये लेने की बात कही, और इस बीच उसने एक परिचित की मदद से साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई। साइबर सेल ने जांच शुरू की और युवती की मदद से ठगी का मामला सामने आया।
यह घटना इस बात को दर्शाती है कि कैसे साइबर अपराधी विभिन्न तरीकों से लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपनाते हैं। ऐसे मामलों से बचने के लिए जागरूकता बेहद महत्वपूर्ण है। साइबर ठगी से बचने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं:
- अनजान कॉल्स से बचें – अनजान नंबर से आने वाली कॉल्स पर ध्यान न दें। पुलिस कभी अपनी पहचान बताने के लिए कॉल नहीं करती।
- डिजिटल जानकारी को सुरक्षित रखें – अपने व्यक्तिगत डेटा और जानकारी को सुरक्षित रखें। किसी भी संदिग्ध लिंक या कॉल्स से बचें।
- पुलिस से संपर्क करें – यदि कोई आपको धमकी दे या पैसों की मांग करे, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करें।
- साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं – साइबर अपराध के शिकार होने पर तुरंत साइबर सेल या संबंधित विभाग से मदद लें।
इस मामले में युवती की सतर्कता के कारण वह ठगी से बच सकी, और यह जागरूकता दूसरों के लिए भी एक उदाहरण है।