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Thursday, October 10, 2024

उप मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता के समापन में लिया हिस्सा, विजेताओं को सौंपी ट्रॉफियां

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में आयोजित 24वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का आज भव्य समापन हुआ। इस आयोजन का समापन समारोह पुलिस ग्राउंड में आयोजित किया गया, जहां उप मुख्यमंत्री अरुण साव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने विजेता खिलाड़ियों और टीमों को ट्रॉफियां प्रदान कीं और खेल ध्वज को उतारकर प्रतियोगिता के समापन की विधिवत घोषणा की। प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के सभी पांच संभागों की टीमें शामिल हुईं, जिसमें बिलासपुर को ओवरऑल चैंपियन का खिताब हासिल हुआ।

समापन समारोह में बिल्हा के विधायक श्री धरमलाल कौशिक, बेलतरा के विधायक श्री सुशांत शुक्ला और बिलासपुर जिला पंचायत के अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की। इस मौके पर खिलाड़ियों के सम्मान में स्कूली छात्राओं द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं, जिसने समारोह में उत्साह का माहौल बना दिया।

खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा- ‘खेल से मिलेगा हर सम्मान’

मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। हमारे यहां ऐसे खिलाड़ी हैं जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकते हैं। खिलाड़ी कभी हारता नहीं, वह या तो जीतता है या कुछ नया सीखता है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘खेलो इंडिया’ अभियान की सराहना की और कहा कि यह पहल खेलों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। साव ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा, “खेल के मैदान में बहाया गया पसीना आपको मान-सम्मान और सफलता के शिखर पर पहुंचाएगा। आप इसी जोश और लगन के साथ आगे भी खेलते रहें और प्रदेश का नाम रोशन करें।”

छत्तीसगढ़ को खेलों में नई पहचान दिलाने का संकल्प

समारोह में विशिष्ट अतिथि विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा, “छत्तीसगढ़ की पहचान पहले ‘धान का कटोरा’ के रूप में है, लेकिन अब हमें खेलों के क्षेत्र में भी राज्य की नई पहचान बनानी होगी।” उन्होंने कहा कि यदि छत्तीसगढ़ का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों पर चमकता है, तो इसकी नींव आज के ऐसे आयोजनों से ही रखी जाएगी। “पहले कहा जाता था, ‘पढ़ोगे-लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे तो होगे खराब’, लेकिन अब आप पढ़कर और खेलकर दोनों ही क्षेत्रों में नवाब बन सकते हैं,” उन्होंने कहा।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से समापन समारोह का माहौल हुआ जीवंत

समारोह का आकर्षण स्कूली छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किए गए शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम भी रहे। इन कार्यक्रमों ने न केवल खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया बल्कि समापन समारोह को एक जीवंत और यादगार अनुभव में बदल दिया।

इस आयोजन ने छत्तीसगढ़ के खेल जगत में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ दिया, जहां न केवल खेल प्रतिभाओं को सम्मान मिला बल्कि राज्य की खेल संस्कृति को और सशक्त बनाने का संकल्प भी व्यक्त किया गया।

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