पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उनका कहना है कि बीजेपी सरकार जानबूझकर कांग्रेस सरकार के दौरान स्थापित किए गए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों का फंड रोककर उनकी स्थिति को खराब कर रही है। बघेल का दावा है कि इस कदम का खामियाजा प्रदेश के गरीब बच्चों को उठाना पड़ रहा है, क्योंकि ये स्कूल उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा का सस्ता अवसर प्रदान करते थे।
स्वामी आत्मानंद स्कूलों का उद्देश्य कांग्रेस शासनकाल में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना था, लेकिन अब फंड की कमी के कारण इन स्कूलों की स्थिति खराब हो गई है। जैसे कि बिजली बिल, सफाई, और बुनियादी उपकरणों के लिए भी उधारी पर निर्भर रहना पड़ रहा है। इस साल स्वामी आत्मानंद स्कूलों के लिए जो 37.55 करोड़ का फंड तय था, उसमें से केवल 5.93 करोड़ का फंड जारी किया गया, जिससे स्कूलों को गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है।
भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि भूपेश बघेल को अशुभ बोलने की आदत है, और दावा किया कि भाजपा सरकार कांग्रेस के समय की खराब स्कूलों को सुधारने में सक्षम है। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि अगर किसी योजना में खामियां हैं, तो उसे सुधारने के बजाय स्कूलों को इस स्थिति में नहीं छोड़ा जाना चाहिए था।
इस मुद्दे पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, और यह स्पष्ट नहीं है कि स्वामी आत्मानंद स्कूलों की बदहाली के लिए कौन जिम्मेदार है।