छत्तीसगढ़ की क्षेत्रीय पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसीजे) के कांग्रेस में विलय की चर्चा एक बार फिर जोर पकड़ रही है। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और कोटा की पूर्व विधायक रेणु जोगी ने इस संबंध में कांग्रेस पार्टी को पत्र लिखा है। उन्होंने अपनी पार्टी को कांग्रेस में विलय करने की इच्छा जताते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र भेजा है।
रेणु जोगी ने अपने पत्र में कांग्रेस परिवार में वापसी की बात कही है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब कांग्रेस ने पुराने नेताओं की पार्टी में वापसी को लेकर एक समिति बनाई है।
अजीत जोगी ने बनाई थी जेसीसीजे
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे अजीत जोगी ने कांग्रेस से अलग होकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की स्थापना की थी। जेसीसीजे ने राज्य में क्षेत्रीय राजनीति में अपनी पहचान बनाई थी, लेकिन जोगी के निधन के बाद पार्टी का प्रभाव कमजोर होता चला गया।
दीपक बैज का बयान
विलय की संभावनाओं पर पूछे गए सवाल पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा, “अभी तक ऐसी कोई स्थिति नहीं बनी है।” इससे यह साफ होता है कि पार्टी के अंदर अभी इस विषय पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
क्या कहती है कांग्रेस की रणनीति?
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए पुराने नेताओं और क्षेत्रीय दलों को अपने साथ लाने की रणनीति बनाई है। जेसीसीजे का कांग्रेस में विलय राज्य की राजनीति में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
क्षेत्रीय राजनीति पर असर
अगर यह विलय होता है, तो यह छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक अहम मोड़ होगा। इससे कांग्रेस को राज्य में मजबूत क्षेत्रीय आधार मिल सकता है, जबकि जनता कांग्रेस के बचे हुए समर्थकों को एक नई दिशा।
अब यह देखना होगा कि कांग्रेस और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ इस विलय पर कब तक अंतिम निर्णय लेती हैं।