राजधानी में डीएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) अभ्यर्थियों का आंदोलन तेज हो गया है। सरकार की ओर से उनकी नियुक्ति प्रक्रिया में देरी और सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट के आदेशों के पालन न होने के विरोध में अभ्यर्थियों ने जल सत्याग्रह का सहारा लिया है। इस सत्याग्रह में सैकड़ों अभ्यर्थी पानी में खड़े होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
अभ्यर्थियों का आरोप है कि कोर्ट ने कई बार उनके पक्ष में फैसले सुनाए, लेकिन राज्य सरकार ने अब तक इन आदेशों का पालन नहीं किया है। इसके चलते वे बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं और उनके भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। सत्याग्रह के दौरान अभ्यर्थी हाथों में तख्तियां लिए हुए थे, जिन पर लिखा था, “कोर्ट के आदेशों का सम्मान करो” और “हमारे अधिकार हमें दो।”
जल सत्याग्रह में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों ने कहा कि वे पिछले कई वर्षों से नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं, और अब हालात ऐसे हो गए हैं कि उन्हें अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतरना पड़ रहा है। उनका कहना है कि न्यायालय का फैसला होने के बावजूद सरकारी उदासीनता ने उनकी उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया है। सत्याग्रह कर रहे एक अभ्यर्थी ने कहा, “हम पानी में खड़े रहकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं ताकि सरकार हमारी बात सुने। अगर जल्द ही हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो हम अपना आंदोलन और तेज करेंगे।”
अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे और अपनी लड़ाई को अगले स्तर तक ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण है, लेकिन वे अपने अधिकारों के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार हैं।
इस बीच, अभ्यर्थियों की मांगों पर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन विरोध प्रदर्शन और जल सत्याग्रह की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है।