छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एकसाथ कराने की संभावना पर आईएएस ऋचा शर्मा की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय राज्य सरकार को लेना है।
समिति की अनुशंसा
- समिति की रिपोर्ट: समिति ने अनुशंसा की है कि दोनों चुनाव एकसाथ कराए जाएं।
- मतगणना: दोनों चुनावों की मतगणना एकसाथ होगी, लेकिन नामांकन और मतदान की तिथियां अलग-अलग होंगी।
- लाभ: एकसाथ चुनाव कराने से समय और धन की बचत होगी, जिससे विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न नहीं होगी।
राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
- भाजपा और कांग्रेस की तैयारी: लोकसभा चुनाव के बाद से ही राज्य निर्वाचन आयोग और दोनों प्रमुख पार्टियों (भाजपा और कांग्रेस) ने चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं।
- राजनीतिक विवाद: कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह एकसाथ चुनाव कराकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। वहीं, भाजपा का कहना है कि यह निर्णय सभी के लिए फायदेमंद होगा।
प्रदेश की स्थिति
- कुल नगरीय निकाय: 184
- नगर निगम: 14
- नगर पालिका परिषद: 48
- नगर पंचायत: 122
भले ही छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एकसाथ कराने की योजना हो, लेकिन इस पर राजनीतिक सियासत तेज हो गई है। समिति की अनुशंसा और इसके संभावित लाभों पर चर्चा जारी है, जबकि राज्य सरकार इस पर अंतिम निर्णय लेने की प्रक्रिया में है।