इस खबर में छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मोक्षित कार्पोरेशन से की गई रिएजेंट की 660 करोड़ रुपए की खरीदी में भ्रष्टाचार का आरोप सामने आया है। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने इस मामले को उठाया, जिसमें कहा गया कि कांग्रेस सरकार के शासन में यह खरीदारी बिना उचित मांग के की गई और भारी भ्रष्टाचार हुआ। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मामले की ईओडब्ल्यू से जांच कराने का ऐलान किया।
यह खबर छत्तीसगढ़ विधानसभा के हालिया घटनाक्रम को दर्शाती है, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने विधायकों धरमलाल कौशिक, राजेश मूणत और सुशांत शुक्ला की मांग पर रिएजेंट की खरीद और सप्लाई में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) से जांच कराने की घोषणा की। मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान बिना किसी वास्तविक डिमांड के रिएजेंट की सप्लाई की गई, जिससे 28 करोड़ रुपये की रिएजेंट खराब हो चुकी है।
इसके अलावा, भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाया कि पूर्व सरकार के संरक्षण में मोक्षित कार्पोरेशन ने बाजार दर से अधिक कीमत पर रिएजेंट की सप्लाई की और कांग्रेस और कंपनी ने बड़ा मुनाफा कमाया। उन्होंने बताया कि एक ऑडिट रिपोर्ट में 193 करोड़ रुपये की खरीदी में गड़बड़ियों की पुष्टि की गई थी, लेकिन इसके बावजूद टेंडर निरस्त नहीं किया गया और सप्लाई जारी रखी गई। उन्होंने मामले की सीबीआई या ईओडब्ल्यू से जांच की मांग की।
साथ ही, छत्तीसगढ़ में स्थापित पोहा उद्योग पर मंडी शुल्क को 1 प्रतिशत करने और कृषक शुल्क से मुक्त करने का प्रस्ताव पारित किया गया। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने इस विषय पर अशासकीय संकल्प लाया, जिसे कृषि मंत्री रामविचार ने सहमति दी।