छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में महतारी वंदन योजना को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। विपक्षी विधायकों ने बुजुर्ग महिलाओं की राशि काटे जाने के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।
हितग्राहियों की संख्या में कमी पर सवाल
विधानसभा में कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने महतारी वंदन योजना का मामला उठाया और योजना के प्रथम पंजीयन से अब तक के हितग्राहियों की संख्या की जानकारी मांगी। इस पर महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि योजना के प्रथम पंजीयन के दौरान 70 लाख 27 हजार 154 हितग्राही थे, जबकि वर्तमान में 69 लाख 63 हजार 621 हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं। यानी 63 हजार 533 हितग्राहियों की संख्या में कमी आई है।
विपक्ष का आरोप, सरकार का बचाव
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि मृत्यु, डबल पंजीयन और अपात्र होने के कारण हितग्राहियों की संख्या में कमी आई है। साथ ही, फर्जी नाम से लाभ लेने का एक मामला बस्तर में सामने आया है। हालांकि, विपक्ष ने इस दावे को खारिज करते हुए इसे बुजुर्ग महिलाओं के साथ धोखा बताया। उमेश पटेल ने आरोप लगाया कि सरकार 500 रुपये की राशि काट रही है, जिससे बुजुर्ग महिलाओं को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
डिप्टी सीएम का पलटवार
डिप्टी सीएम अरुण साव ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि जो खुद सत्ता में रहते हुए इस योजना के तहत राशि नहीं दे सके, वे अब सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि सरकार पारदर्शी तरीके से योजना का संचालन कर रही है।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में महतारी वंदन योजना पर तीखी बहस देखने को मिली। विपक्ष ने इसे बुजुर्ग महिलाओं के साथ अन्याय बताया, वहीं सरकार ने हितग्राहियों की संख्या में कमी का कारण तकनीकी और प्रशासनिक बताया। विपक्ष के विरोध और बहिर्गमन के बावजूद सरकार ने अपने फैसले को सही ठहराया।