रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन अवैध प्लाटिंग का मुद्दा ध्यानाकर्षण काल में जोरशोर से उठा। भाजपा विधायक अनुज शर्मा ने अपने क्षेत्र में बढ़ती अवैध प्लाटिंग की शिकायतों को सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि बिना ग्राम, नगर निवेश विभाग और रेरा की अनुमति के अवैध प्लाटिंग हो रही है, जिससे स्थानीय लोगों को बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
अवैध प्लाटिंग पर सख्त नियम बनाने की मांग
विधायक अनुज शर्मा ने सरकार से मांग की कि अवैध प्लाटिंग को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए जाएं। इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने बताया कि 47 व्यक्तियों और फर्म के खिलाफ अवैध प्लाटिंग की शिकायतें मिली हैं। इनमें से 19 प्रकरण न्यायालय में पंजीबद्ध किए गए हैं और कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। मंत्री वर्मा ने सदन में यह भी कहा कि सभी शिकायतों की जांच कराई जाएगी।
वित्त मंत्री की घोषणा
वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने सदन में घोषणा की कि अवैध प्लाटिंग की रजिस्ट्री रोकने के लिए नियम बनाए जाएंगे। इस घोषणा के बाद विपक्ष और सत्ता पक्ष में तीखी बहस हुई।
सभा में हंगामा
विधानसभा में अवैध प्लाटिंग के अलावा सुकमा में नियम विरुद्ध पुल-पुलिया निर्माण को लेकर भी कांग्रेस ने जोरदार हंगामा किया। कांग्रेस ने बिना टेंडर और अनुमति के निर्माण कार्य को लेकर नारेबाजी की और कार्रवाई की मांग की। मंत्री अरुण साव ने जवाब देने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ। कांग्रेस द्वारा मंत्री को भ्रष्ट कहे जाने पर सत्ता पक्ष ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। इसके बाद स्पीकर ने विवादित शब्दों को विलोपित कर दिया।
शासकीय भूमि पर अतिक्रमण का मामला
स्पीकर रमन सिंह ने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण का मुद्दा उठाते हुए इसे गंभीर समस्या बताया। उन्होंने कहा कि विधानसभा कॉलोनी से सटी शासकीय भूमि पर अतिक्रमण को एक महीने के भीतर हटाकर कार्रवाई की जानकारी दी जाए।
अवैध प्लाटिंग का मुद्दा विधानसभा में गंभीर चर्चा का विषय बना। सरकार ने सख्त कदम उठाने और अवैध प्लाटिंग पर लगाम कसने के लिए नियम बनाने का आश्वासन दिया है। वहीं, विपक्ष ने भी इस मामले में सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने पर जोर दिया।