छत्तीसगढ़ में बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों के लिए मौजूदा समय काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है। शिक्षक भर्ती परीक्षा 2023 के तहत चयनित इन शिक्षकों को उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सेवा समाप्ति का सामना करना पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट के एनसीटीई 2018 के गजट को खारिज करने के बाद, डीएड अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षा के लिए योग्य माना गया। परिणामस्वरूप, सरगुजा और बस्तर संभाग में 15 महीने तक सेवा देने के बाद बीएड शिक्षकों की नौकरियां समाप्त कर दी गईं।
अनुनय यात्रा: संघर्ष की मिसाल
अपने भविष्य और रोजी-रोटी की सुरक्षा के लिए ये शिक्षक अम्बिकापुर से रायपुर तक पैदल यात्रा कर रहे हैं। इस यात्रा का उद्देश्य मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी समस्याओं को साझा करना और सेवाओं की बहाली की अपील करना है। उनका तर्क है कि प्रशासनिक निर्णयों की त्रुटियों का खामियाजा वे क्यों भुगतें, जबकि राज्य के विभिन्न विभागों में हजारों रिक्त पदों पर उनका समायोजन संभव है।
सरकार के लिए चुनौती
यह आंदोलन राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। शिक्षकों का कहना है कि वे केवल अपनी सेवा-सुरक्षा चाहते हैं। रायपुर पहुंचने पर मुख्यमंत्री से मिलकर वे अपनी सेवाएं बहाल करने का निवेदन करेंगे। यह यात्रा शिक्षकों के अदम्य साहस और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष की मिसाल बन गई है।
सरकार से उम्मीदें
शिक्षकों को उम्मीद है कि सरकार उनके अनुभव और योग्यता को ध्यान में रखते हुए उचित समाधान निकालेगी। इस संकट से उबरने के लिए राज्य में सकारात्मक बदलाव और ठोस निर्णयों की आवश्यकता है।