fbpx

Total Users- 594,864

Total Users- 594,864

Sunday, December 22, 2024

32 सूत्रीय मांगों को लेकर पटवारी संघ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर अड़े: ऑनलाइन भूइंया में हो रही समस्याओं को सुधारने की मांग

32 सूत्रीय मांगों को लेकर राजस्व पटवारी संघ ने हड़ताल की घोषणा की है। मुंगेली नाका चौक के ग्रीनपार्क क्षेत्र में पटवारियों ने पंडाल बनाया है। राजस्व पटवारी संघ ने छत्तीसगढ़ की आनलाइन गूगल मीट में भुईयां में आ रही समस्याओं पर व्यापक चर्चा की।

बिलासपुर: 32 सूत्रीय मांग को लेकर राजस्व पटवारी संघ हड़ताल शुरू संघ का कहना है कि आनलाइन नक्शा बटांकन, संशोधन पहले पटवारी आइडी में संबोधित कर राजस्व निरीक्षक की आइडी में भेजा जाता है जिसके कारण जब तक राजस्व निरीक्षक आइडी से अनुमोदन नहीं होता तब तक उसी नक्शे से संबंधित अन्य बटांकन या संशोधन नहीं किया जा सकता जिसके कारण अनावययक विलंब होता है एवं पटवारी द्वारा अनुमोदन के लिये भेजा गया नक्शा बटांकन प्रस्ताव पटवारी आइडी में नहीं दिखता है जिससे त्रुटि की संभावना रहती है। सामान्यतः नक्शा सर्वर अधिकांशतः नहीं खुलता है, और खुलता भी है तो अत्यंत ही धीमा रहता है।

ये आवश्यकता है

जिले स्तर पर सहायक प्रोग्रामरों को नियुक्त किया गया है, लेकिन अभी भी छोटी-छोटी समस्याओं के लिए प्रोग्रामरों की सलाह की जरूरत है और बार-बार रायपुर बुला दिया जाता है, जो व्यवहारिक नहीं है।

0 खाते में आधार कम होने और मोबाइल नंबरों की कमी के कारण कार्यवाही की जा रही है, जो अनुचित है।Online रजिस्ट्री पूरी होने के बाद, पटवारी नामांतरण के लिए आइडी में आता है, जिसमें विक्रेता और क्रेता से संबंधित सभी विवरण अंग्रेजी में दर्ज हैं। हिन्दी में लिखना कई बार मुश्किल होता है। लिपिकीय त्रुटि हो सकती है। जो पटवारियों को दोषी ठहराता है। इसमें सुधार की आवश्यकता है।

भुइयां पोर्टल में फौती नामांतरण का अभिलेख दुरूस्ती करने पर, मरने वाले व्यक्ति के वारिसानों का नाम दर्ज किया जाता है, लेकिन अन्य शामिल खातेदारों का नाम संबंधित खाते से विलोपित हो जाता है; इससे धारा 115 में प्रकरण दर्ज करना पड़ता है, जो त्रुटि सुधार में पेंडेंसी का एक बड़ा कारण है।

रजिस्ट्री नामांतरण हेतु जो प्रकरण पटवारी आइडी में उपलब्ध होते हैं उसमें नाम पिता का नाम दर्ज करने का विकल्प दुबारा नहीं रहता है। विकल्प न होने के कारण अगर किसी नामांतरण में मानवीय भूलवष कोई लिपकीय त्रुटि होती है तो उसके सुधार की कोई गुंजाइश न होने से धारा 115 में त्रुटि सुधार का एक और प्रकरण दर्ज करवाना पड़ता है जिससे हितग्राही परेशान होता है जिसका सारा दोषारोपण पटवारियों पर थोपा जाता है। जबकि इसमें सुधार कर कम से कम एक बार लिपकीय सुधार करने का विकल्प पटवारी आइडी में दिया जाना चाहिये।

भुइयां साफ्टवेयर में आवश्यक सुधार करते हुये जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदारी भी तय की जाये तथा दोषी पर कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाये। पटवारियो को प्रताड़ित करने के बजाये पटवारी का पद ही समाप्त कर दिया जाये।

More Topics

वो ख्वाबों के दिन (भाग – 22)

वो ख्वाबों के दिन  ( पिछले 21 अंकों में...

जानिए एनडीए का पेपर कैसा होता है और कैसे आप इसे पास कर सकते हैं

एनडीए (नेशनल डिफेंस एकेडमी) परीक्षा भारतीय सशस्त्र बलों में...

“समझिए खिलाफत आंदोलन के ऐतिहासिक कारण और प्रभाव”

खिलाफत आंदोलन (Khilafat Movement) भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े