रायपुर. राजधानी में सेकेंड हैंड गाड़ियों की खरीदी बिक्री का काम करने वाले एक ऑटो डीलर ने एक ग्रामीण की कार यह आश्वासन देकर खरीदी कि वह फाइनेंस की बकाया किस्तों का भुगतान खुद कर देगा.
लेकिन जब फाइनेंस कंपनी से कार मालिक के पास नोटिस पहुंची, तब पता चला कि ऑटो डीलर ने राशि जमा ही नहीं कराई है. पुलिस ने मामले में नीरज मोटर्स लालपुर के संचालक दीपक वाधवानी के खिलाफ धारा 420, 294 के तहत केस दर्ज किया है. रिपोर्ट सरसींवा निवासी रतन लाल साहू ने लिखाई है.
पीड़ित ने 2022 में पुरानी ईको वाहन को चन्द्रभान बाघ से खरीदा और पुनावाला फिनकार्प लिमिटेड से दो लाख 2 हजार 585 रुपए फाइनेंस कराया. एक वर्ष बाद एक लाख 20 हजार रुपए का भुगतान शेष था, तब उसने यह गाड़ी नीरज मोटर्स लालपुर के संचालक दीपक वाधवानी के पास बेच दिया.
किस्त की राशि आरोपी दीपक वाधवानी ने जमा करने की बात कही थी लेकिन पुनावाला फिनकार्प लिमिटेड से रकम जमा नहीं होने की नोटिस मिली. जांच में पता चला कि आरोपी ने किसी और को यह गाड़ी बेच दी. जबकि उसका नामांतरण तक नहीं कराया गया.
मतलब विक्रय के बाद गाड़ी तो रतन लाल के नाम पर ही रही लेकिन उसका इस्तेमाल खरीदार व्दारा किया जाता रहा. इस मामले में चर्चा करने नीरज मोटर्स में जाने पर आरोपी ने गाली-गलौज और धमकी-चमकी भी की. पुलिस ने जुर्म दर्ज करके आरोपी की तलाश शुरू कर दी है.