स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सिम्स (छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान) में व्याप्त अव्यवस्थाओं और वित्तीय अनियमितताओं की जांच के बाद एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उन्होंने सिम्स के डीन, डॉ. केके सहारे और अस्पताल अधीक्षक, डॉ. सुजीत नायक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई मंत्री की ओर से अस्पताल में सुधार की दिशा में उठाया गया एक कठोर कदम है।
निलंबन का कारण
स्वास्थ्य मंत्री ने आज सिम्स में आयोजित स्वशासी समिति की बैठक में यह घोषणा की, जिसमें उन्होंने अस्पताल के संचालन में अव्यवस्थाओं और भ्रष्टाचार की शिकायतों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। मंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसमें बाधा डालने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
महत्वपूर्ण निर्णय और सुधार की पहल
इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनमें शामिल हैं:
- पिछले तीन वर्षों की खरीद की जांच: मंत्री ने सिम्स में पिछले तीन वर्षों में हुई सभी खरीद की व्यापक जांच के आदेश दिए हैं। इस प्रक्रिया का उद्देश्य वित्तीय अनियमितताओं को उजागर करना और पारदर्शिता को सुनिश्चित करना है।
- 10 करोड़ रुपये की विशेष वित्तीय सहायता: मंत्री ने सिम्स में आवश्यक उपकरणों और सेवाओं के लिए 10 करोड़ रुपये की विशेष सहायता की मंजूरी दी। यह राशि अस्पताल में आवश्यक सुधार कार्यों को गति देने में सहायक होगी।
- स्वशासी खाते का ऑडिट: कॉलेज के वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता लाने के लिए 1.5 लाख रुपये के ऑडिट प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इससे कॉलेज के वित्तीय रिकॉर्ड की सटीकता सुनिश्चित होगी।
- सुविधाओं में सुधार:
- विद्युत सब स्टेशन के लिए 42 लाख रुपये का आवंटन।
- डीजी सेट की खरीद की अनुमति, जो आपात स्थितियों में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
- 52 सीटर बस की खरीद को मंजूरी, ताकि मेडिकल छात्रों की यात्रा में सुविधा हो।
- शिक्षण सामग्री और छात्रावास सुविधाएँ: हिंदी माध्यम की शैक्षणिक पुस्तकें खरीदने के लिए 5 लाख रुपये और सिम्स छात्रावास में बेड खरीदने के लिए 14 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई है।
- सुरक्षा और तकनीकी संसाधन: बैठक में सिम्स में CCTV, बायोमेट्रिक मशीन, और अन्य आवश्यक उपकरणों की खरीद के प्रस्ताव को भी अनुमोदित किया गया, ताकि सुरक्षा और तकनीकी संसाधनों में सुधार किया जा सके।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि आम आदमी को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हों। अगर किसी भी अधिकारी या कर्मचारी ने इस दिशा में बाधा डाली, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” मंत्री ने सिम्स के स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के प्रति अपने दृढ़ संकल्प को दोहराया।
बैठक में विधायक श्री धरमलाल कौशिक, श्री धर्मजीत सिंह, श्री दिलीप लहरिया, श्री सुशांत शुक्ला, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मनोज कुमार पिंगुआ और अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे।
स्वास्थ्य मंत्री की यह कड़ी कार्रवाई और नई पहलकदमी सिम्स अस्पताल के संचालन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे यह स्पष्ट होता है कि छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिए गंभीर है और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस नीति अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस प्रकार के कदम न केवल सिम्स अस्पताल की कार्यप्रणाली को सुधारेंगे, बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य के प्रति सरकार की जिम्मेदारी को भी बढ़ाएंगे।