Total Users- 1,049,695

spot_img

Total Users- 1,049,695

Thursday, July 17, 2025
spot_img

महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की मिसाल पिंक ई-रिक्शा

रायपुर । छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ रोजगार के अवसर भी तैयार कर रही है। उसी दिशा में एक कदम नवा रायपुर में भी महिलाओं को पिंक ई-रिक्शा सौंपकर उनकी तरक्की की राहें आसान कर दी है।

नवा रायपुर के विकास में अब महिलाएं भी सहभागिता निभाएगी। यहां रेलवे स्टेशन खुलने के बाद से विकास के द्वार भी खुल गए है। व्यापारिक गतिविधियां भी तेजी के साथ संचालित होगी। इसके लिए महिलाओं को पिंक ई-रिक्शा सौंपा गया है। नवा रायपुर में अब एयरपोर्ट से सीबीडी रेलवे स्टेशन या जंगल सफारी, मंत्रालय, पुरखौती मुक्तांगन, शासकीय विभागों के दफ्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम जाना बेहद आसान हो गया है। एनआरडीए ने ग्रामीण महिलाओं के हाथों में पिंक ई-रिक्शा की चाबी सौंपी है। इससे महिलाओं को स्वरोजगार के साथ आर्थिक तरक्की भी आसान हो जाएगी।

छोटी दूरी के लिए आसान हुई राहें

नवा रायपुर में शानदार सड़कें निर्माण की गई हैं, लेकिन छोटी दूरियों और प्रमुख स्थानों तक आवाजाही में नागरिकों को पहले दिक्कतें होती थी। पहले बस के बाद आवाजाही के सुगम साधन नहीं थी, लेकिन अब सुगम साधन बन चुके है। पिंक ई-रिक्शा काफी मददगार साबित होगा।

बिहान की दीदियों के हाथों में सौंपी गई कमान
बिहान छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत अभनपुर और आरंग ब्लॉक के गांवों तूता, केंद्री, निमोरा, कुर्रू, चेरिया और बेंद्री की 40 महिलाओं को 40 इलेक्ट्रिक ऑटो मुफ्त में सौंपे गए हैं। यह पहल न केवल नया रायपुर में यात्रा को सुगम बनाएगी, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को रोजगार और आत्मनिर्भरता भी देगी। इनका ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफॉर्म रेपिडो से टाई-अप किया गया है, जिससे यात्री मोबाइल ऐप से ऑटो बुक कर सकते हैं। सेवा की दरें भी किफायती हैं और ऑटो पूरी तरह इलेक्ट्रिक हैं, जिससे पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी भी निभाई जा रही है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया शुभारंभ

इस योजना का उद्घाटन 11 अप्रैल 2025 को राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा किया गया। उनके साथ वित्त एवं आवास मंत्री ओपी चौधरी भी उपस्थित हुए। उन्होंने इसे महिला सशक्तिकरण और स्मार्ट सिटी के समावेशी विकास की दिशा में एक अहम पहल बताया।

दीदियों की आवाजः रोजगार आत्मविश्वास और सम्मान
बेंद्री गांव की निवासी रेशमा साहू कहती है कि अब नया रायपुर में ऑटो चलाने और अपने घर की आर्थिक जिम्मेदारी संभाल रही हैं। पहले घर में कोई आमदनी नहीं थी, अब रोजाना सवारी मिल जाती है तथा प्रतिदिन 500 से 600 की कमाई कर रही हैं। हम खुद बुकिंग ले सकते हैं, शहर के अंदर कई जगह जाती हूं। गर्व होता है जब लोग कहते हैं कि दीदी आप अच्छा चला रही हैं।

spot_img

More Topics

क्या तेज़ी से वजन कम करने के लिए पोहा और उपमा है बेहतर विकल्प

भारत के विविध पाककला परिदृश्य में, नाश्ता दिन की...

कई पोषक तत्वों की खान अनानास आपके शरीर में लिए वरदान माना है

अनानास में विटामिन सी, विटामिन बी6, मैंगनीज, पोटैशियम, फोलेट...

क्या 4000 करोड़ बजट की रणबीर की रामायण हो जाएगी फ्लॉप?

रामायण प्रोड्यूसर नमित मल्होत्रा के रीसेंट खुलासे ने सबको...

नियद नेल्लानार योजना : माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास की दस्तक

ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं से जोड़ने सालातोंग में सुविधा...

इसे भी पढ़े