Total Users- 1,138,596

spot_img

Total Users- 1,138,596

Sunday, December 14, 2025
spot_img

अंटार्कटिका की बर्फ का पिघलना: ग्लोबल वार्मिंग और समुद्र स्तर बढ़ने का खतरा

अंटार्कटिका की बर्फ के पिघलने की प्रक्रिया पर वैज्ञानिकों ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण शोध किए हैं, और यह प्रक्रिया वैश्विक समुद्र स्तर के बढ़ने का मुख्य कारण बन रही है। अंटार्कटिका की बर्फ की चादर में इतनी बड़ी मात्रा में ताजा पानी है कि यदि यह पूरी तरह से पिघल जाए, तो समुद्र का जल स्तर 58 मीटर तक बढ़ सकता है। लेकिन बर्फ के पिघलने का अध्ययन करना बेहद चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि यह प्रक्रिया सूक्ष्म स्तर पर होती है और इसे मापना मुश्किल है।

वैज्ञानिकों ने मैडलीन जी रोजवियर की अगुआई में इस बर्फ और महासागर के बीच की परतों का अध्ययन किया। उनका शोध इस बर्फ की पिघलने की प्रक्रिया को समझने की कोशिश कर रहा है। यह पिघलाव धीमा, लेकिन लगातार जारी है, और बर्फ की मोटी चादर धीरे-धीरे पतली हो रही है, जिससे समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है।

बर्फ के पिघलने की प्रक्रिया में कई कारक काम कर रहे हैं, जैसे महासागरों की धाराओं का प्रभाव जो बर्फ को ऊष्मा देने का काम करती हैं। इसके अलावा, आकार और संरचनाओं के बदलाव भी बर्फ के पिघलने की प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों ने सोनार से सुज्जित रोबोट्स का उपयोग किया है, जिससे उन्होंने बर्फ की चादर के नीचे की संरचनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की है।

अंटार्कटिका की बर्फ का पिघलना एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें कई बदलाव आते रहते हैं, और यह वैश्विक जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण है।

More Topics

लियोनल मेसी का ‘GOAT India Tour 2025’ मुंबई पहुँचा: आज CCI और वानखेड़े में होंगे बड़े आयोजन

महाराष्ट्र। दुनिया के महानतम फुटबॉलरों में शुमार अर्जेंटीना के...

अमित शाह बस्तर ओलंपिक के समापन में शामिल, रायपुर में BJP और नक्सल ऑपरेशन की समीक्षा

छत्तीसगढ़। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शुक्रवार को बस्तर दौरे...

इसे भी पढ़े