Total Users- 1,135,912

spot_img

Total Users- 1,135,912

Friday, December 5, 2025
spot_img

महिला आयोग: की महत्वपूर्ण भूमिका जो महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करती है

महिला आयोग (National Commission for Women – NCW) भारत सरकार का एक संवैधानिक निकाय है, जिसका उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें कानूनी, सामाजिक, और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। यह आयोग महिलाओं से संबंधित मामलों में सलाह देता है, उनके अधिकारों की रक्षा करता है और सरकारी नीतियों में सुधार के लिए सिफारिशें करता है।

महिला आयोग की स्थापना:

  • स्थापना: महिला आयोग की स्थापना 31 जनवरी 1992 को हुई थी। इसे भारत सरकार के द्वारा महिलाओं के मामलों में सक्रियता बढ़ाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए गठित किया गया।
  • कानूनी अधिकार: यह आयोग भारतीय संविधान के अनुच्छेद 338बी के तहत स्थापित है।

महिला आयोग के प्रमुख कार्य:

  1. महिलाओं के अधिकारों की रक्षा: आयोग महिलाओं के अधिकारों के उल्लंघन के मामलों में हस्तक्षेप करता है।
  2. आवेदन लेना: महिला आयोग महिलाओं के द्वारा किए गए आवेदन को सुनता है और उन्हें न्याय दिलाने के लिए कार्रवाई करता है।
  3. कानूनी साक्षरता: आयोग महिलाओं में कानूनी साक्षरता फैलाने का काम करता है, ताकि वे अपने अधिकारों को जान सकें और उन्हें लागू कर सकें।
  4. नीतियों में सुधार: आयोग सरकार से महिलाओं के लिए उपयुक्त नीतियों को सुधारने के लिए सिफारिशें करता है।
  5. प्रेरणा और जागरूकता: महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और शारीरिक कल्याण के लिए जागरूकता फैलाने का कार्य करता है।

महिला आयोग के प्रमुख:

महिला आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्य महिला आयोग के कार्यों को संचालित करते हैं। अध्यक्ष की नियुक्ति केंद्रीय सरकार करती है।

महिला आयोग का उद्देश्य:

  1. महिला सशक्तिकरण: महिलाओं को उनके अधिकारों और उनके समाज में समान स्थिति के लिए सशक्त बनाना।
  2. समानता और गैर-भेदभाव: समाज में महिलाओं के प्रति भेदभाव को समाप्त करना।
  3. महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकना: घरेलू हिंसा, यौन हिंसा, और अन्य प्रकार की हिंसा के खिलाफ काम करना।

महिला आयोग से जुड़े प्रमुख कानून:

  1. महिला सशक्तिकरण कानून: महिलाओं को समाज में समान दर्जा और अधिकार दिलाने के लिए बनाए गए कानून।
  2. आत्मनिर्भरता के लिए योजनाएं: महिलाओं के लिए रोजगार, शिक्षा, और स्वावलंबन से जुड़ी योजनाओं का कार्यान्वयन।
  3. दहेज विरोधी कानून: दहेज की प्रथा के खिलाफ काम करने और दहेज की वजह से होने वाली हिंसा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना।

महिला आयोग महिलाओं के कल्याण और अधिकारों की सुरक्षा के लिए निरंतर काम कर रहा है।

More Topics

अब केवल महिलाएं ज़्यादा नहीं बल्कि सभी बराबर अनसेफ हैं.

इस बीते साल में अनेक पत्नियों ने अपने पतियों...

छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल गिरफ्तार,26 दिनों से फरार थे

रायपुर. छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल...

कांग्रेस के नवनियुक्त जिलाध्यक्षों की बैठक,कई वरिष्ठ नेता होंगे शामिल

रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नवनियुक्त 41 जिलाध्यक्षों की महत्वपूर्ण...

बस्तर में शांति और विकास की नई इबारत

नक्सल प्रभावित इलाकों में वानिकी कार्य बना रोजगार का...

संसद का शीतकालीन सत्र, दिन 4: दिल्ली प्रदूषण के खिलाफ विपक्ष आज करेगा प्रदर्शन

नई दिल्ली, 4 दिसंबर 2025।राष्ट्रीय राजधानी में लगातार बिगड़...

इसे भी पढ़े