पिछले 3 – 4 दिनों से पहले अमेरिका चुनाव में क्या होगा, से , अमेरिका के चुनाव में क्या हो गया की चर्चा हर बिज़ी व ठलवा व्यक्ति , ज़रूर कर रहा था. एक तबका कमला हैरिस को केवल इसलिये जितवाना चाहता था कि उनकी मां भारतीय थीं . दूसरा तबका ट्रम्प को जीतते देखना चाहता था क्योंकि उसे मोदी जी का दोस्त मानकर , उसे भारत का ज़्यादा हितैषी माना जा रहा था . अब चुनाव परिणाम आने के बाद सभी अपने अपने विशेषज्ञ कमेंट देकर , इस हार जीत का विश्लेषण दे रहे हैं .
जब मैंने पत्रकार माधो से इस बारे में पूछा , तो वे बोले , अमेरिका और इस चुनाव की बात छोड़ो , हमें क्या सीखना चाहिये ? यह सबक सीख लो –
1. जीवन में बड़ी विफलता के बाद यदि पूरे मन से लड़ाई ज़ारी रखें तो वापस बड़ी सफलता मिल सकती है .
2. अचानक मिले बेहतर मौके से अंतिम परिणाम बेहतरीन आना ज़रूरी नहीं है .
3. कई बार थाली से मुंह तक पहुंचने से पहले भी निवाला हाथ से निकल जाता है
वे और भी ज्ञान की बात बताना चाहते थे तो मैं उन्हें रोकते हुए बोला कि आप नैतिक शिक्षा देने की जगह हमें मौलिक दुनियादारी के सबक बताइये . अब पत्रकार माधो अपने मौलिक व्यंगकार अंदाज़ में मुस्कुराते हुए बोले ,
1. आज के युग में झूठे , दुष्ट , अकड़ू के , ज़ोर से बोले दावों को , जनता का एक बड़ा वर्ग सच मान लेता है .
2. आप खुद अंदर से कैसे भी हों , सामने वाले की बक्खियां उधेड़ कर , अन्य लोगों का अपनी बुराइयों से ध्यान हटवा सकते हैं .
3. महिला सुहानुभूति का कार्ड हर जगह नहीं चलता है .
4. यह भी कि चुनाव में सौ पांडव मिल कर एक दुर्योधन को हरा दें, यह ज़रूरी नहीं है .
मैं बोला , आप चुनाव के पहले किसकी तरफ झुकाव रखते थे . वे हंसते हुए बोले , कल से ही मैंने ” ट्रम्प भक्त लंगूर मण्डल ” रायपुर की सदस्यता ले ली है .
इंजी. मधुर चितलांग्या , संपादक
दैनिक पूरब टाइम्स