02 अक्टूबर 2024 को गांधी जयंती के अवसर पर जगदलपुर में कलेक्टर श्री हरिस एस ने सभी मदिरा दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया है। यह निर्णय महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करता है और समाज में शराब के सेवन के खिलाफ एक सकारात्मक कदम है।
जगदलपुर : गांधी जयंती के अवसर पर राज्य शासन के निर्देशानुसार, बस्तर जिले में कलेक्टर श्री हरिस एस ने सभी प्रकार की मदिरा दुकानों को बंद रखने का आदेश जारी किया है। यह निर्णय न केवल बस्तर जिले की स्थानीय संस्कृति को संरक्षित करने के लिए है, बल्कि यह महात्मा गांधी की शिक्षाओं और आदर्शों के प्रति सम्मान भी दर्शाता है।
गांधी जयंती का महत्व
गांधी जयंती, महात्मा गांधी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक थे। गांधी जी ने हमेशा शराब के सेवन के खिलाफ आवाज उठाई और इसे सामाजिक बुराइयों में से एक माना। उनका मानना था कि शराब का सेवन न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह समाज में अनेक समस्याओं का भी कारण बनता है।
शुष्क दिवस की घोषणा
कलेक्टर श्री हरिस एस ने 02 अक्टूबर को बस्तर जिले में सभी प्रकार की मदिरा दुकानों को बंद रखने का आदेश देते हुए कहा, “यह निर्णय गांधी जयंती के अवसर पर लिया गया है। इस दिन हम सभी को महात्मा गांधी के विचारों को अपनाने और उनके संदेश का प्रचार-प्रसार करने का प्रयास करना चाहिए। इसलिए, यह आवश्यक है कि इस दिन मदिरा का विक्रय न हो।”
इस आदेश के अनुसार, बस्तर जिले में देशी मदिरा की दुकानों (सीएस-2), विदेशी मदिरा (एफएल-1), होटल-बार (एफएल-3), सैनिक कैंटीन (एफएल-7) और मद्य भंडागार को पूरी तरह से बंद रखा जाएगा। यह निर्णय बस्तर के नागरिकों को एक स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण प्रदान करने की दिशा में एक कदम है।
नियमानुसार कार्यवाही
कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि नियत दिवस पर मदिरा का विक्रय न होने पाए और न ही किसी प्रकार का मदिरा का संव्यहार हो सके। इसके लिए आवश्यक कार्यवाही करने का आदेश भी दिया गया है।
श्री हरिस ने कहा, “यह आदेश कड़ाई से लागू होना चाहिए। यह सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है कि इस दिन गांधी जी के आदर्शों का पालन किया जाए।”
स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया
जगदलपुर में स्थानीय समुदाय ने इस निर्णय का स्वागत किया है। कई नागरिकों ने कहा कि यह निर्णय महात्मा गांधी के प्रति सम्मान प्रकट करता है और इसे सकारात्मक रूप से लिया जाना चाहिए। स्थानीय समाजसेवी संगठनों ने भी इस पहल की सराहना की है और इसे समाज में शराब के सेवन के खिलाफ एक सकारात्मक कदम बताया है।
Image Suggestion:
गांधी जी की तस्वीर के साथ बस्तर जिले के नागरिकों की एक बैठक का फोटो, जहां वे इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं।
गांधी जी के विचारों का पुनरुत्थान
महात्मा गांधी ने हमेशा शराब के खिलाफ प्रचार किया है। उनका मानना था कि शराब न केवल व्यक्तियों को नुकसान पहुँचाता है, बल्कि यह परिवारों और समाज को भी बर्बाद करता है। उन्होंने हमेशा समाज के विकास और कल्याण के लिए संयम और स्वच्छता का महत्व बताया।
शुष्क दिवस का सांस्कृतिक प्रभाव
शुष्क दिवस केवल शराब के विक्रय पर रोक लगाने तक सीमित नहीं है। यह एक अवसर है जब लोग महात्मा गांधी के विचारों और आदर्शों पर विचार कर सकते हैं। इस दिन, अनेक स्थानों पर गांधी जी के विचारों पर चर्चा, निबंध प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
गांधी जयंती के अवसर पर शुष्क दिवस की घोषणा बस्तर जिले में एक सकारात्मक परिवर्तन का संकेत है। यह न केवल शराब के सेवन को नियंत्रित करने का प्रयास है, बल्कि यह महात्मा गांधी के विचारों को पुनर्जीवित करने का भी एक माध्यम है। हम सभी को इस दिन का पालन करना चाहिए और गांधी जी के सिद्धांतों का सम्मान करते हुए एक स्वस्थ समाज के निर्माण में योगदान देना चाहिए।