fbpx

व्यंग – गुस्ताखी माफ : एक देश एक चुनाव करवा कर, हमारे पेट पर लात क्यों मारते हो अन्न दाता ?

आज देश व राज्य के चुनाव अलग अलग समय पर होते हैं . एक देश , एक साथ चुनाव पर पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की कमेटी ने 191 दिन में रिपोर्ट तैयार की और मोदी मंत्रीमंडल ने इसके लिये मंजूरी दे दी है . आज हमारी चौपाल में इस पर चर्चा चल पड़ी . एक पत्रकार ने इसका फायदा गिनाते हुए कहा कि अच्छा है , इससे चुनाव कराने में खर्च होने वाले राजकोष में भारी बचत होगी . मैंने अपनी राय रखी , सही है राज्यों में व केंद्र में, अलग अलग समय आचार संहिता लगने से विकास कार्यों में भारी रुकावट आ जाती है . साथ ही विभिन्न सरकारी कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी भी लग जाती है . ये समस्याएं नहीं आयेंगी . अब तीसरा साथी बोला , कालेधन के उपयोग में भारी कमी आयेगी . इसके अलावा व्यापारियों से चंदा वसूली भी कम होगी . अब चौथा साथी , हमारे विपक्षी दल की तरह कह उठा , तुम लोग देश की बात कर रहे हो पर इसके पीछे बड़ी पार्टियों की मंशा नहीं समझ रहे हो . छोटी पार्टियां स्थानीय मुद्दों पर चुनाव जीतती हैं. वह खत्म हो जायेगा . लोकसभा व विधानसभा के वोटिंग पैटर्न में अंतर होता है जोकि लोकतंत्र के हित में है . फिर एक साथ चुनाव कराने के लिये एक बार में अधिक संसाधन , यानि अधिक फोर्स व ईवीएम इत्यादि लगेगा . अब पत्रकार माधो उस बात को हंसते हुए आगे बढ़ाते हुए बोले , अलग अलग चुनाव होने पर गरीब जनता को दो बार पैसे , उपहार व दारू मिल जाते थे . नेताओं का कमाया हुआ काला धन बाहर आ जाता है जो जनता में वापस बंट जाता है . चुनाव से कई लोगों को व्यापार मिल जाता है . इतना ही नहीं , अन्य राज्यों की बेहतर मुफ्त की स्कीम को अपने राज्य में घोषणा करना पार्टियों की मजबूरी हो जाती है . इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों को काम नहीं करने का बहाना मिल जाने से , अन्य झूठे बहाने नहीं बनाने पड़ते हैं . देश व पूरे राज्यों में एक ही पार्टी की सरकार बनने से बांग्लादेश की तरह काम तो बहुत अच्छे से होंगे पर शेख हसीना की तरह तानाशाही भी शुरू होने की संभावना बन जायेगी .

इंजी. मधुर चितलांग्या , संपादक
दैनिक पूरब टाइम्स

More Topics

सबसे खतरनाक राशियाँ : कौन हैं सबसे ज्यादा प्रभावशाली

ज्योतिष शास्त्र में सभी 12 राशियों के अलग-अलग गुण...

विराट कोहली की कार कलेक्शन : जानिए कौन-सी कारें हैं

विराट कोहली, भारतीय क्रिकेट के सबसे प्रसिद्ध और सफल...

रैयतवाड़ी व्यवस्था का श्रेय किसे ? जानिए इतिहास

रैयतवाड़ी व्यवस्था भारतीय कृषि में एक महत्वपूर्ण भूमि व्यवस्था...

जानिये , पंचांग व कैलेंडर में फर्क़ और अन्य सभी जानकारियां

कैलेंडर व पंचांग दोनो ही दिन जानने के तथ्यपूरक...

गुटनिरपेक्ष आंदोलन की स्थापना : जानिए यह कब हुई

गुटनिरपेक्ष आंदोलन (Non-Aligned Movement - NAM) की स्थापना का...

सारिपोधा सनिवारम ने कमाए 100 करोड़, दुनियाभर में मचाया धमाल

विवेक अथरेया ने नानी स्टारर ‘सारिपोधा सनिवारम’ को निर्देशित...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े