छत्तीसगढ़ के कवर्धा (कबीरधाम) जिले में स्थित सुतिया पाठ न सिर्फ एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह एक रहस्यमयी, शांत और शक्तिशाली शक्ति पीठ भी माना जाता है। यहाँ की देवी माँ हिंगलाज माता हैं, जिनकी पूजा श्रद्धा और आस्था से की जाती है। यह मंदिर वनांचल और पर्वतीय क्षेत्र में स्थित है और प्रकृति प्रेमियों, साहसिक यात्रियों और श्रद्धालुओं – सभी के लिए खास आकर्षण है।
हिंगलाज माता कौन हैं?
- माँ हिंगलाज माता को देवी दुर्गा का रूप माना जाता है।
- इनका प्रमुख शक्तिपीठ पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित है, लेकिन भारत में भी कई छोटे हिंगलाज धाम हैं।
- छत्तीसगढ़ में सुतियापाठ को स्थानीय रूप से हिंगलाज माता का जागृत धाम माना जाता है।
स्थान व पहुंच
- सुतिया पाठ कवर्धा से लगभग 25–30 किमी दूर स्थित है।
- यह स्थान पर्वतों और घने जंगलों के बीच स्थित है।
- यहां तक पहुँचने के लिए कुछ दूर पैदल या ट्रैकिंग मार्ग से जाना होता है, जो पूरी यात्रा को रोमांचक और अध्यात्मिक बना देता है।
- धार्मिक मान्यता और आस्था
- मान्यता है कि यह स्थान प्राचीन काल से साधकों और तांत्रिकों की साधना स्थली रहा है।
- यहाँ नवरात्रि के समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
- माँ हिंगलाज के बारे में कहा जाता है कि वे अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं।
प्राकृतिक वातावरण
- मंदिर की चढ़ाई जंगलों और चट्टानों के बीच से होती है, जो प्राकृतिक रूप से बेहद सुंदर और शांत है।
- यहाँ की शुद्ध हवा, पर्वतीय दृश्य और पक्षियों की आवाज़ें मन को अध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती हैं।
गुफा मंदिर और विशेषता
- माँ हिंगलाज की मूर्ति एक गुफा के भीतर स्थित है, जहाँ नारियल, चुनरी और दीप अर्पित किए जाते हैं।
- भक्तजन अक्सर यहाँ संकल्प पूर्ति के बाद पूजा-अर्चना करने आते हैं।
- गुफा की छत से जल की बूंदें टपकती हैं, जो इसे और भी रहस्यमयी बनाती हैं।
कैसे पहुँचें?
- निकटतम शहर: कवर्धा
- रायपुर से दूरी: लगभग 120-130 किमी
- बाई रोड: रायपुर → Kawardha → Pandariya → Sutiyapath
- सड़क मार्ग के बाद थोड़ी पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है, जो लगभग 1 से 1.5 किमी की हो सकती है।
- भक्तों के लिए सुझाव
- यात्रा के लिए आरामदायक ट्रैकिंग जूते और पानी की बोतल साथ रखें।
- साफ-सफाई और श्रद्धा का विशेष ध्यान रखें।
- श्रावण मास, चैत्र और अश्विन नवरात्रि में यहाँ विशेष भीड़ रहती है।
क्यों जाएँ सुतिया पाठ?
- यदि आप धार्मिक आस्था, प्राकृतिक सौंदर्य और रोमांच – तीनों का अनुभव एक साथ करना चाहते हैं, तो सुतिया पाठ आपके लिए परफेक्ट जगह है।