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शांत घाटी किस राज्य में स्थित है, जानिए विस्तार से

शांत घाटी, जिसे साइलेंट वैली (Silent Valley) के नाम से भी जाना जाता है, केरल राज्य में स्थित है। यह घाटी केरल के पलक्कड़ जिले में पश्चिमी घाट की नीलगिरी पहाड़ियों में स्थित है। यहाँ का साइलेंट वैली नेशनल पार्क जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है और यह एक संरक्षित क्षेत्र है जो दुर्लभ वन्यजीवों और वनस्पतियों का घर है।

शांत घाटी का महत्व

शांत घाटी (Silent Valley) का पर्यावरणीय, जैविक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्व है। इसके प्रमुख महत्व निम्नलिखित हैं:

1. जैव विविधता का केंद्र

शांत घाटी जैव विविधता से भरपूर है। यह पश्चिमी घाट के सबसे समृद्ध और संरक्षित क्षेत्रों में से एक है, जहाँ कई दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यहाँ की मुख्य विशेषताएँ हैं:

  • वनस्पति: ट्रॉपिकल रेनफॉरेस्ट के घने जंगल इस घाटी में फैले हुए हैं। इसमें कई दुर्लभ और स्थानिक पौधों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
  • वन्यजीव: यहाँ की प्रमुख प्रजातियों में लायन-टेल्ड मकाक (Lion-tailed Macaque), नीलगिरी तहर, मलाबार जायंट गिलहरी, और कई अन्य लुप्तप्राय प्राणी शामिल हैं।

2. पारिस्थितिक संतुलन

शांत घाटी में घने वर्षावन और नदियों का नेटवर्क होने के कारण यह पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह क्षेत्र नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा है, जो वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त एक प्रमुख पारिस्थितिक तंत्र है।

3. संगठित संरक्षण आंदोलन

1970-80 के दशक में शांत घाटी के संरक्षण के लिए एक बड़ा जनांदोलन हुआ, जब सरकार द्वारा घाटी में एक जलविद्युत परियोजना का प्रस्ताव रखा गया था। पर्यावरणविदों, वैज्ञानिकों और स्थानीय जन समुदायों ने मिलकर इस परियोजना का विरोध किया। इस आंदोलन ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर स्थापित किया और अंततः 1985 में इसे राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया।

4. जल स्रोत

शांत घाटी में बहने वाली कुंतीपुझा (Kuntipuzha) नदी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है। यह नदी आसपास के इलाकों के लोगों के लिए पेयजल और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।

5. पश्चिमी घाट का हिस्सा

शांत घाटी पश्चिमी घाट का हिस्सा है, जो यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है। पश्चिमी घाट को वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट के रूप में मान्यता प्राप्त है।

शांत घाटी न केवल वन्यजीव संरक्षण के लिए बल्कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने, जल स्रोतों की रक्षा करने और एक समृद्ध प्राकृतिक धरोहर के रूप में भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

घूमने का सबसे अच्छा समय

शांत घाटी (Silent Valley) का प्रवेश द्वार पलक्कड़ जिले में स्थित है, और यहाँ पहुँचने के लिए आपको निम्नलिखित प्रमुख मार्गों का उपयोग कर सकते हैं:

1. वायु मार्ग (Air Route)

  • निकटतम एयरपोर्ट: कोच्चि (Cochin) एयरपोर्ट (विवेकानंद अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट) और केलपेट्टा (Kozhikode) एयरपोर्ट (मंगलोरम एयरपोर्ट) सबसे निकटतम एयरपोर्ट हैं। दोनों एयरपोर्ट से आप टैक्सी या बस के माध्यम से पलक्कड़ और फिर शांत घाटी तक पहुँच सकते हैं।
  • कोच्चि और केलपेट्टा एयरपोर्ट से पलक्कड़ तक की दूरी क्रमशः लगभग 100 किलोमीटर और 60 किलोमीटर है।

2. रेल मार्ग (Rail Route)

  • निकटतम रेलवे स्टेशन: पलक्कड़ (Palakkad) रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन भारत के प्रमुख रेलवे नेटवर्क से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
  • पलक्कड़ रेलवे स्टेशन से आप टैक्सी या बस के माध्यम से शांत घाटी तक पहुँच सकते हैं। पलक्कड़ से शांत घाटी की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है।

3. सड़क मार्ग (Road Route)

  • पलक्कड़ से शांत घाटी: पलक्कड़ से शांत घाटी तक की सड़क यात्रा लगभग 60 किलोमीटर की है। सड़क मार्ग पर यात्रा करने के लिए आप टैक्सी, निजी वाहन या बस का उपयोग कर सकते हैं।
  • कोच्चि/केलपेट्टा से पलक्कड़: कोच्चि और केलपेट्टा से पलक्कड़ तक बस या टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है।

4. स्थानीय परिवहन

  • पलक्कड़ में पहुंचने के बाद, आपको शांत घाटी तक पहुँचने के लिए स्थानीय परिवहन का उपयोग करना होगा। यहाँ की सड़कें अच्छी तरह से चिह्नित हैं और मार्गदर्शक उपलब्ध होते हैं।
  • शांत घाटी के भीतर भी घुमने के लिए विशेष रूप से अनुमोदित गाइड की आवश्यकता हो सकती है, और यात्रा से पहले स्थानीय वन विभाग से जानकारी प्राप्त करना अच्छा रहेगा।

यात्रा की योजना:

  • यात्रा की योजना बनाते समय, मौसम की स्थिति, मार्ग की उपलब्धता और स्थानीय नियमों की जानकारी ले लें।
  • पर्यावरणीय नियमों का पालन करते हुए यात्रा करें, क्योंकि शांत घाटी एक संरक्षित क्षेत्र है।

इन निर्देशों का पालन करके आप शांत घाटी की यात्रा को सुगम और आनंददायक बना सकते हैं।

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