fbpx

Total Users- 573,647

Monday, December 9, 2024

Meta पर CCI ने ₹213 करोड़ का जुर्माना लगाया : WhatsApp की प्राइवेसी पॉलिसी विवाद

मेटा (Meta), जो कि फेसबुक और व्हाट्सएप जैसी प्रमुख कंपनियों की पैरेंट कंपनी है, पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने ₹213 करोड़ का भारी जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना व्हाट्सएप की विवादास्पद 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी और इसके उपयोगकर्ताओं की सहमति से जुड़े मामलों को लेकर लगाया गया है।

क्या है मामला?

2021 में, व्हाट्सएप ने अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी लागू की थी, जिसमें उपयोगकर्ताओं को मेटा के साथ डेटा शेयर करने की सहमति देने की बात कही गई थी। इस पॉलिसी ने भारत में व्यापक विरोध और कानूनी कार्यवाही को जन्म दिया। उपयोगकर्ताओं ने इसे डाटा गोपनीयता और स्वतंत्रता का उल्लंघन माना।

  1. प्राइवेसी पॉलिसी का विवाद:
    • व्हाट्सएप की नई पॉलिसी में यह कहा गया कि उपयोगकर्ताओं का डेटा मेटा और उसके अन्य प्लेटफार्मों जैसे फेसबुक और इंस्टाग्राम के साथ साझा किया जाएगा।
    • उपयोगकर्ताओं को पॉलिसी स्वीकार करने या व्हाट्सएप का उपयोग बंद करने का विकल्प दिया गया था।
  2. CCI की जांच:
    • भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने इस पॉलिसी को लेकर स्वतः संज्ञान लिया।
    • CCI ने पाया कि यह पॉलिसी उपयोगकर्ताओं की सहमति की स्वतंत्रता को बाधित करती है और डेटा साझा करने के लिए उन्हें बाध्य करती है।
    • आयोग ने इसे प्रतिस्पर्धा-विरोधी और उपयोगकर्ताओं के अधिकारों के उल्लंघन के रूप में देखा।

CCI का फैसला

CCI ने मेटा पर ₹213 करोड़ का जुर्माना लगाते हुए कहा कि कंपनी ने:

  • उपयोगकर्ताओं के डेटा गोपनीयता का उल्लंघन किया।
  • अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया, जिससे प्रतिस्पर्धा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
  • पॉलिसी लागू करते समय पारदर्शिता का पालन नहीं किया।

Meta का पक्ष

मेटा ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए कहा है कि:

  • उनकी पॉलिसी का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाना है।
  • डेटा सुरक्षा और गोपनीयता उनके लिए सर्वोपरि है।
  • CCI का यह जुर्माना अन्यायपूर्ण और तथ्यहीन है, और वे इसे चुनौती देंगे।

भारत में इसका असर

  • उपयोगकर्ताओं में डेटा गोपनीयता को लेकर बढ़ती जागरूकता।
  • तकनीकी कंपनियों के खिलाफ भारत सरकार और नियामक एजेंसियों का सख्त रुख।
  • अन्य सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर भी ऐसे मामलों की निगरानी तेज हो सकती है।

निष्कर्ष

यह मामला न केवल डेटा गोपनीयता की सुरक्षा पर केंद्रित है, बल्कि यह दिखाता है कि भारत में तकनीकी दिग्गजों को उपयोगकर्ताओं के अधिकारों का सम्मान करना होगा। यह कदम उपयोगकर्ताओं के हितों और पारदर्शिता के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है।

More Topics

सेंधा नमक : सकारात्मक ऊर्जा और शांति के लिए जरूरी उपाय

सेंधा नमक, जिसे हिमालयन सॉल्ट भी कहा जाता है,...

सुबह नींबू वाला गर्म पानी पीने के अद्भुत फायदे

नींबू वाला गर्म पानी एक बहुत ही प्रभावी और...

छत्तीसगढ़ की आदिवासी कला और संस्कृति : एक समृद्ध धरोहर

छत्तीसगढ़ की अद्भुत कला और संस्कृति राज्य की समृद्ध...

विंडोज 11 के लिए TPM 2.0 अनिवार्य, माइक्रोसॉफ्ट ने सख्त किया नया अपडेट

माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज 11 ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए TPM...

जो रूट ने तोड़ा राहुल द्रविड़ का रिकॉर्ड, टेस्ट में जड़ा 100वां अर्धशतक

इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे दूसरे...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े