विकिपीडिया नाम तो सुना ही होगा। इंटरनेट पर थोड़ा बहुत भी पढ़ने लिखने का शौक है। तो इस्तेमाल भी जरूर किया होगा। ऑनलाइन नॉलेज हब माना जाने वाला विकिपीडिया अब केंद्र सरकार के निशाने पर आ गया है। केंद्र सरकार ने विकिपीडिया को पूर्वाग्रह और अशुद्धियों की कई शिकायतों पर पत्र लिखा। सरकार ने बताया कि एक छोटे समूह के पास संपादकीय नियंत्रण है और पूछा कि विकिपीडिया को मध्यस्थ के बजाय प्रकाशक के रूप में क्यों नहीं माना जाना चाहिए?
विकिपीडिया खुद को एक मुफ़्त ऑनलाइन विश्वकोश के रूप में विज्ञापित करता है जहाँ स्वयंसेवक व्यक्तित्वों, मुद्दों या विभिन्न विषयों पर पेज बना या संपादित कर सकते हैं। जानकारी का यह लोकप्रिय ऑनलाइन स्रोत इसके द्वारा प्रदान की गई कथित गलत और मानहानिकारक सामग्री को लेकर भारत में कानूनी मामलों में उलझा हुआ है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विकिपीडिया पर आरोप लगाया है कि इस वेबसाइट पर अक्सर गलत और भ्रामक जानकारी नजर आती है। सरकार के अनुसार कुछ लोगों द्वारा प्लेटफॉर्म पर किसी समय एडिट करते समय निष्पक्षता रखने में चूक होती है।
विकिपीडिया जैसे अहम इंफॉर्मेशन सोर्स से जनता को निष्पक्ष और सही जानकारी मिलना जरूरी है। लेकिन अस्र ऐसा नहीं किया जाता। सरकार ने विकिपीडिया के मीडियेटर और पब्लिशर होने पर सवाल उठाया है। मंत्रालय का कहना है कि वीकिपीडिया को मीडियेटर मानने की बजाए पब्लिशर के तौर पर देखा जाना चाहिए क्योंकि यहां कंटेंट का संपादन और प्रकाशन एक तरह से नियंत्रित किया जाता है।