लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का दूसरा सेमीफाइनल क्रिकेट की दो सबसे निरंतर लेकिन दुर्भाग्यशाली टीमों – दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। इन दोनों टीमों को प्रमुख टूर्नामेंटों में शानदार प्रदर्शन के बावजूद खिताब से चूकने के लिए जाना जाता है, और अब वे एक बार फिर गौरव हासिल करने के मौके के करीब हैं।
इतिहास की छाया में बड़ा मुकाबला
न्यूजीलैंड ने आईसीसी टूर्नामेंटों के नॉकआउट मुकाबलों में दक्षिण अफ्रीका पर बढ़त बनाई है, जिसमें 2011 और 2015 विश्व कप में मिली जीतें सबसे यादगार हैं। हालांकि सालों में वे हार के निशान धुंधले हो गए हैं, लेकिन प्रोटियाज अब भी एक बड़े आईसीसी खिताब के इंतजार में हैं। वहीं, न्यूजीलैंड ने हाल के वर्षों में खुद को लगातार मजबूत टीम के रूप में स्थापित किया है, हालांकि 2019 विश्व कप फाइनल की विवादास्पद हार उनके लिए अब भी एक बड़ा झटका है।
मजबूत बल्लेबाजी इकाइयों की टक्कर
लाहौर की बल्लेबाजी के अनुकूल पिच पर दोनों टीमें बड़े स्कोर की ओर देख रही हैं। दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी टेम्बा बावुमा, हेनरिक क्लासेन और डेविड मिलर के इर्द-गिर्द घूमेगी, जो किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त करने में सक्षम हैं। दूसरी ओर, न्यूजीलैंड के लिए अनुभवी केन विलियमसन अहम भूमिका में होंगे, जिन्होंने हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शतक जड़ा था। उनके अलावा डेवोन कॉनवे, डेरिल मिशेल, टॉम लैथम और ग्लेन फिलिप्स भी टीम की बल्लेबाजी को मजबूती देंगे।
तेज गेंदबाजों का होगा असली इम्तिहान
इस मुकाबले में तेज गेंदबाजों का प्रदर्शन निर्णायक साबित हो सकता है। दक्षिण अफ्रीका के पास कैगिसो रबाडा और मार्को जेनसन जैसे घातक गेंदबाज हैं, जबकि न्यूजीलैंड के आक्रमण की अगुवाई मैट हेनरी और काइल जैमीसन करेंगे। दोनों टीमों ने चोटों की चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन उनके पास अब भी विश्वस्तरीय तेज गेंदबाजी आक्रमण मौजूद है।
स्पिनर्स भी देंगे कड़ी टक्कर
स्पिन आक्रमण के मामले में भी दोनों टीमें संतुलित दिखती हैं। दक्षिण अफ्रीका के केशव महाराज और तबरेज शम्सी जहां अपनी स्पिन से बल्लेबाजों को परेशान करेंगे, वहीं न्यूजीलैंड के मिशेल सेंटनर और माइकल ब्रेसवेल अपनी भूमिका निभाने को तैयार हैं।
अनुभवी खिलाड़ियों के लिए आखिरी मौका?
विलियमसन (34) और मिलर (35) जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के लिए यह आईसीसी वनडे ट्रॉफी जीतने का आखिरी मौका हो सकता है। मिलर दक्षिण अफ्रीका के पिछले नॉकआउट मुकाबलों में कई बार निर्णायक भूमिका निभा चुके हैं, और इस बार भी उन पर काफी जिम्मेदारी होगी। वहीं, दबाव की स्थिति में विलियमसन की संयमित बल्लेबाजी और तेज़ी से रन बनाने की क्षमता ब्लैक कैप्स के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
क्या होगा मैच का रुख?
गद्दाफी स्टेडियम की पिच हाल के वनडे मैचों में बल्लेबाजों के अनुकूल रही है, जहां पहली पारी का औसत स्कोर 316.5 रहा है। ऐसे में एक हाई-स्कोरिंग मुकाबले की उम्मीद की जा सकती है। मौसम साफ रहने की संभावना है, जिससे खेल बिना किसी रुकावट के होगा।
यह मुकाबला न केवल फाइनल में पहुंचने की लड़ाई होगी, बल्कि दोनों टीमों के लिए अपनी नॉकआउट विफलताओं के इतिहास को बदलने का सुनहरा मौका भी रहेगा। अब देखने वाली बात होगी कि दबाव में कौन बेहतर खेल दिखाता है और चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में अपनी जगह बनाता है!
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