ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने कहा कि राजनीति खेलों से ज्यादा कठिन है, लेकिन वह जीत हासिल करने तक मैदान नहीं छोड़ेंगे।
ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने कहा कि राजनीति खेलों से ज्यादा कठिन है, लेकिन वह जीत हासिल करने तक मैदान नहीं छोड़ेंगे।
पीटीआई मुख्यालय में अपने संपादकों से विशेष बातचीत में विजेंदर ने कहा,‘‘राजनीति करना बेहद मुश्किल काम है। राजनीति में लोगों को समझना मुश्किल है। वहां कोई भी विनम्र नहीं है। राजनीति करना अभी मुश्किल है, लेकिन मैं इसे सीख रहा हूँ।‘’
ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने कहा कि राजनीति खेलों से ज्यादा कठिन है, लेकिन वह जीत हासिल करने तक मैदान नहीं छोड़ेंगे।
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विजेंदर ने कांग्रेस में शामिल होकर अपनी राजनीतिक पारी शुरू की। वह भाजपा में 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले शामिल हो गया था।
इस प्रसिद्ध मुक्केबाज ने 2019 में दक्षिण दिल्ली से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गया। उन्हें लगता है कि वह राजनीति में भी एक दिन सफल हो जाएगा, जैसे मुक्केबाजी में।
विजेंदर ने कहा,‘‘मेरे लिए मुक्केबाजी करना आसान है। मुझे यह पसंद है। इसमें आप जानते हैं कि आपको किससे मुकाबला करना है। राजनीति में एक मोर्चे पर ही मुकाबला नहीं लड़ना पड़ता है, इसमें आपको कभी-कभी अपने बगल में खड़े व्यक्ति से भी मुकाबला करना पड़ सकता है।’’
उन्होंने कहा,‘‘यह बहुत जोखिम भरा है। लेकिन मैं राजनीति में बना रहूंगा, जब तक मैं जीत नहीं जाता, तब तक मैं इसे नहीं छोडूंगा।’’
इस 38 वर्षीय खिलाड़ी से जब पूछा गया कि वह फिर से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने कहा,‘‘जिंदगी एक बार मिलती है, जोखिम लेना चाहिए।’’
विजेंदर ने कहा,‘‘जब आप बूढ़े हो जाते हैं, तो आपको यह अफसोस नहीं होना चाहिए कि काश मैंने कोशिश की होती। क्यों मना कर दिया। हार तो बाद की बात है। अगर जीत गए तो बल्ले-बल्ले, हार गए तो कोई ना, फिर कोशिश कर लेंगे।’’ भाषा पंत सुधीर