Harbhajan Singh: भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में 113 रनों से करारी हार झेलनी पड़ी। इसी के साथ टीम इंडिया ने 12 साल बाद घर पर टेस्ट सीरीज गंवा दी। इससे पहले साल 2012 में टीम इंडिया ने घर पर टेस्ट सीरीज इंग्लैंड के खिलाफ हारी थी। न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय बल्लेबाज बुरी तरह से फ्लॉप रहे हैं। जबकि पहले मैच में टीम इंडिया पहली पारी में सिर्फ 46 रनों पर ऑलआउट हो गई थी। हार के बाद टीम इंडिया की हर जगह आलोचना हो रही है।
हरभजन सिंह ने उठाए सवाल
हरभजन सिंह ने टीम इंडिया की हार पर बोलते हुए कहा कि आपका घरेलू मैदान पर इतने लंबे समय तक शानदार रिकॉर्ड रहा है और अगर आप हार जाते हैं तो जाहिर है कि चर्चा होगी। न्यूजीलैंड जिस तरह से खेला, उसे उसका श्रेय जाता है और ये विदेशी परिस्थितियां थीं और ऐसी पिच भी नहीं थी जिसमें ज्यादा दरार हो। यह स्पिनरों के लिए अनुकूल परिस्थितियां थीं, जहां गेंद को पहले घंटे से ही टर्न लेना चाहिए था।
टर्निंग पिचों पर फ्लॉप हुई है बल्लेबाजी: हरभजन सिंह
हरभजन ने भारतीय टीम की सोचने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले दशकों के दौरान के चलन को देखें। हम पिछले दशक में ज्यादातर टर्नर पर इस उम्मीद के साथ खेल रहे हैं कि हम टॉस जीतेंगे और 300 रन बनाएंगे और मैच पर नियंत्रत करेंगे। लेकिन हम नहीं जानते कि पासा उलटा पड़ जाएगा और टर्निंग पिच पर हमारे बल्लेबाजी चलेगी या नहीं। हमारे बल्लेबाजों ने इन पिचों पर खेलते हुए आत्मविश्वास खो दिया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण अजिंक्य रहाणे हैं जो एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं। इस तरह की पिचों के कारण उनका करियर प्रभावित हुआ।
मिचेल सैंटनर ने किया कमाल
न्यूजीलैंड के खिलाफ पुणे की टर्निंग पिच पर भारत ने महत्वपूर्ण टॉस गंवा दिया और इसके बाद टीम 156 और 245 रन ही बना सकी। इसमें न्यूजीलैंड के मुख्य स्पिनर मिचेल सैंटनर ने 13 विकेट लिए। उनके आगे भारतीय बल्लेबाज रन बनाने के लिए जूझते हुए नजर आए और बड़ी पारियां नहीं खेल पाए। स्पिन की मददगार पिच पर सैंटनर ने कमाल का प्रदर्शन किया और उनकी वजह से ही टीम मुकाबला जीतने में सफल रही।
(Input: PTI)
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