उत्तर प्रदेश सरकार को जांच कमेटी ने सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग के दौरान हुई भगदड़ की रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट ने आयोजकों को दोषी ठहराया है। रिपोर्ट भोले बाबा का नाम नहीं लेती। इस पर प्रश्न उठ रहे हैं।
हाथरस कांड की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक्शन में है। मंगलवार को एसडीएम, सीओ और तहसीलदार समेत 6 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। बता दें, एसआईटी ने सोमवार को यूपी सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
आयोजकों को भगदड़ मचाने और 121 लोगों की मौत का दोषी ठहराया गया है। यद्यपि आयोजकों ने 80 हजार की भीड़ जुटाने की अनुमति दी थी, सत्संग में ढाई लाख से अधिक लोग उपस्थित हुए। इसी से भगदड़ हुई। आयोजकों ने भीड़ जुटने के बाद सही प्रबंध नहीं किए।
करीब 300 पन्नों की रिपोर्ट में मृतकों के परिजनों और घायल श्रद्धालुओं समेत 119 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। एसआईटी ने डीएम हाथरस आशीष कुमार, एसपी निपुण अग्रवाल, एसडीएम और सीओ सिकंदराराऊ के साथ 2 जुलाई को सत्संग के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों के भी बयान दर्ज किए।
12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ और 121 लोगों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। मंगलवार को सर्वोच्च अदालत के सामने याचिका दायर की गई, जिस पर सुनवाई के लिए 12 जुलाई की तारीख तय की गई।