डॉक्टर, कारोबारी और बैंक मैनेजर ने गवाएं लाखों रुपये
आजकल ऑनलाइन ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। दैनिक रूप से लोग कम समय में मोटी कमाई के चक्कर में ठगी कर रहे हैं और अपनी पूरी जिंदगी की गाढ़ी कमाई गंवा रहे हैं। ठग शेयर मार्केट निवेश पर मुनाफा का मैसेज भेजकर ठगी का शिकार बनाते हैं।
रायपुर नगर शेयर मार्केट में निवेश करने पर अच्छी कमाई का दावा करके ठगी की जा रही है। डाक्टर, कारोबारी और बैंक मैनेजर भी इसमें फंस गए हैं। इस पैटर्न से राजधानी में पिछले चार महीने में आठ करोड़ से अधिक की ठगी हुई है। अधिकतर लोग ठगी का शिकार हुए हैं। ठग इंटरनेट मीडिया, वाट्सएप और टेलीग्राम पर शेयर मार्केट निवेश के लिंक भेजते हैं। वह फर्जी ऐप है। फिर ठग एप से लिंकित डीमैट अकाउंट के नाम पर एक नया खाता बनाते हैं। वह ठग के पास जाता है जब वह पैसा जमा करता है। मुंबई और राजस्थान के गिरोह इस तरह की ठगी कर रहे हैं। उनका लिंक दुबई और लंदन में बैठे ठगों से है।
पुलिस ने बताया कि आनलाइन ठगी में हैकर्स और तकनीक के जानकर भी शामिल हैं, जो गिरोह बनाकर लोगों के खातों में सेंध लगाते हैं। इनमें कंप्यूटर, हार्डवेयर और साफ्टवेयर इंजीनियर भी शामिल हैं। ठग दूध, सब्जी, फेरी वालों, सुरक्षा गार्डों और कर्मचारियों की आईडी लेकर सिम खरीद रहे हैं। बैंक खाते खोला जा रहा है। उसे ठग रहे हैं। तुरंत खाते में पैसा ट्रांसफर कर देते हैं।
Dr. सुनील देवांगन को शेयर मार्केट में निवेश करने पर अच्छी कमाई का झांसा देकर 2.92 करोड़ रुपये ठगे गए। वहीं, कारोबारी विकास त्रिवेदी ने 73 लाख रुपये ऑनलाइन ठगी की। जबकि दोनों पहले से शेयर ट्रेडिंग कर रहे हैं। फिर भी वे ठगों के झांसे में आ गए। मामले के आरोपित अब तक नहीं पकड़े गए हैं।
नवा रायपुर में एक बीएसपी अधिकारी और पूर्व एएसपी ने 89 लाख रुपये, एक पूर्व एएसपी ने 1.50 करोड़ रुपये, एक शिक्षक ने 22 लाख रुपये और एक इंजीनियर ने 25 लाख रुपये ठगे हैं। बहुत से लोग जमीन बेचकर या कर्ज लेकर निवेश कर चुके थे। इस तरह की ठगी करने वालों को भी पुलिस नहीं पकड़ पाती है। क्योंकि खाता-मोबाइल मुंबई या राजस्थान का है, लेकिन पैसा बाहर जाता है। विदेश में रहकर ठग नेटवर्क चलाते हैं।
राजेंद्र नगर क्षेत्र के एक बैंक अधिकारी को शेयर मार्केट में पैसा लगाने पर भारी मुनाफे का झांसा देकर ४४ लाख रुपये ठग लिया गया। साइबर ठगों ने शेयर ट्रेडिंग एप और WhatsApp ग्रुप के माध्यम से धन जमा किया। दोनों एप और वाट्सएप ग्रुप को बंद कर दिया। अमलीडीह निवासी संजय वर्मा ने गोल्डन टावर में ठगी की है।
Hdfc Bank में वे एरिया मैनेजर हैं। 2 मई को उन्हें एक WhatsApp ग्रुप में जोड़ा गया था। ग्रुप में सौ से अधिक लोग शामिल थे। 10 दिन बाद आईडी बनाया, शेयर ट्रेडिंग और आईपीओ का लाभ बताया। वह भी ग्रुप में मुनाफे का मैसेज पाया। वह भी झांसे में आ गया। उसे वीआइपी सदस्य बताया गया। उधार लेकर 10 लाख 45 हजार रुपये जमा किए। इसके बाद कुल 44 लाख रुपये जमा कर डाले।