चित्तौड़गढ़, राजस्थान के एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल और एक महिला टीचर के बीच कथित ‘अनैतिक गतिविधियों’ का मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में खलबली मचा दी। यह घटना तब सार्वजनिक हुई जब स्कूल प्रबंधन और ग्रामीणों द्वारा लगाए गए छिपे हुए कैमरों (हिडन कैमरा) में इनकी अशोभनीय हरकतें रिकॉर्ड हो गईं। इन कैमरों में कैद हुए फुटेज सोशल मीडिया पर लीक हो गए, जिसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया।
घटना का विवरण:
पहले से थी गड़बड़ी की आशंका:
स्कूल स्टाफ और छात्रों को पहले से संदेह था कि प्रिंसिपल अरविंद व्यास और महिला टीचर के बीच अनुचित संबंध हैं। दोनों को अक्सर कार्यालय में अकेले घंटों बिताते देखा गया। हालांकि, दरवाजा खुला रहता था, लेकिन कोई भी अंदर प्रवेश नहीं कर सकता था।
ग्रामीणों और अभिभावकों की चिंता:
छात्र-छात्राओं ने यह सब अपने माता-पिता को बताया, लेकिन प्रिंसिपल के दबदबे और प्रभाव के कारण कोई खुलकर शिकायत नहीं कर सका। जब अभिभावक स्कूल में शिकायत करने पहुंचे, तो प्रिंसिपल ने उन्हें धमकाकर भगा दिया।
छुपे कैमरों की योजना:
बच्चों के माता-पिता ने स्कूल स्टाफ के सहयोग से प्रिंसिपल के कार्यालय में हिडन कैमरे लगाए। इसके जरिए प्रिंसिपल और महिला टीचर की अशोभनीय हरकतें रिकॉर्ड हुईं।
वीडियो का लीक होना और कार्रवाई:
वीडियो सोशल मीडिया पर लीक होने के बाद स्कूल और स्थानीय समुदाय में हंगामा मच गया। ग्रामीणों ने पुलिस और शिक्षा विभाग में सबूतों के साथ शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल का दौरा किया और मामले की जांच की।
प्रिंसिपल और टीचर की बर्खास्तगी:
जांच के दौरान प्रिंसिपल और महिला टीचर को पहले सस्पेंड किया गया और नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। निर्धारित समय पर जवाब न मिलने के बाद दोनों को उनकी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।
प्रमुख बिंदु:
- यह घटना तब और चर्चा में आई जब यह साफ हुआ कि प्रिंसिपल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर शिकायतकर्ताओं को धमकाया था।
- बच्चों के हितों और शिक्षा के माहौल को देखते हुए ग्रामीणों ने यह कदम उठाया।
- शिक्षा विभाग ने दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए मामले को समाप्त किया।
यह घटना सरकारी संस्थानों में नैतिकता और अनुशासन को बनाए रखने की आवश्यकता को उजागर करती है। साथ ही, यह उन लोगों को चेतावनी देती है, जो अपनी पद का दुरुपयोग करते हैं।
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