दिल्ली में आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती पर विशेष आयोजन हुए, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया। इस दिन को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया जा रहा है, जो नेताजी के योगदान और साहस को सम्मानित करने का अवसर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में नेताजी को पुष्पांजलि अर्पित की और इस दौरान बच्चों से बातचीत भी की, जिन्होंने ‘जय हिंद’ के नारे लगाए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया पर नेताजी की श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि नेताजी का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य है और उनकी प्रेरणा आज भी भारतीयों को स्वतंत्रता के संघर्ष में दृढ़ बनाए रखती है।
आगे पढ़ेप्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने सोशल मीडिया पोस्ट में नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका विजन और साहस हमेशा भारतीयों को प्रेरित करता रहेगा। मोदी ने यह भी कहा कि उनकी श्रद्धांजलि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के अद्वितीय योगदान के रूप में व्यक्त की जाती है और देश उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को कटक, ओडिशा में हुआ था। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता थे, जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय सेना (आज़ाद हिंद फ़ौज) का गठन किया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नया मोड़ दिया। उनका संघर्ष और नेतृत्व भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।
2021 में भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान के सम्मान में उनके जन्मदिन को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इस दिन को विशेष रूप से युवाओं को उनके साहस और देशभक्ति से प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है।
पहला पराक्रम दिवस 2021 में कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में मनाया गया, और इसके बाद 2022 में इंडिया गेट पर नेताजी की होलोग्राफिक प्रतिमा का उद्घाटन किया गया था।
show less