हिमालय से कई महत्वपूर्ण नदियाँ निकलती हैं, जो भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न हिस्सों में जल आपूर्ति करती हैं। यहाँ तीन प्रमुख नदियाँ दी गई हैं जो हिमालय से निकलती हैं:
1. गंगा नदी
- स्रोत: गंगा नदी का मुख्य स्रोत उत्तराखंड के गंगोत्री ग्लेशियर में स्थित है। गंगोत्री से निकलने वाली भागीरथी नदी को गंगा का प्रमुख जल स्रोत माना जाता है। देवप्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी नदियों के संगम के बाद इसे गंगा कहा जाता है।
- लंबाई: लगभग 2,525 किलोमीटर।
- महत्त्व: गंगा भारत की सबसे पवित्र नदी मानी जाती है और इसका धार्मिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक महत्त्व अत्यधिक है। यह उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, और पश्चिम बंगाल से होकर बहती है।
- विशेषताएँ: गंगा का जल सिंचाई, पीने के पानी, और कृषि के लिए उपयोगी है। यह नदी भारतीय जनसंख्या के एक बड़े हिस्से की आजीविका का साधन है।
2. यमुना नदी
- स्रोत: यमुना नदी भी हिमालय के यमुनोत्री ग्लेशियर, उत्तराखंड से निकलती है। यह यमुनोत्री धाम से होकर बहती है, जो एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
- लंबाई: लगभग 1,376 किलोमीटर।
- महत्त्व: यमुना उत्तर भारत की प्रमुख नदियों में से एक है और इसका भी धार्मिक महत्त्व बहुत अधिक है। यह नदी दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, और कुछ हिस्सों से होकर बहती है और प्रयागराज (इलाहाबाद) में गंगा नदी से मिलती है।
- विशेषताएँ: यमुना नदी की घाटियों में कृषि उन्नत होती है। यमुना का पानी दिल्ली और आस-पास के शहरों में जल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत है।
3. सिंधु नदी
- स्रोत: सिंधु नदी का स्रोत तिब्बत के मानसरोवर झील के पास है, जहाँ से यह नदी हिमालय से होकर बहती है। भारत में यह जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र से प्रवेश करती है।
- लंबाई: लगभग 3,180 किलोमीटर (कुल लंबाई, जिसमें तिब्बत, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं)।
- महत्त्व: सिंधु भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए एक प्रमुख नदी है। यह पाकिस्तान के पंजाब और सिंध क्षेत्रों के लिए जीवनरेखा है, जहाँ इसका पानी सिंचाई और कृषि के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
- विशेषताएँ: सिंधु नदी पर कई सिंचाई परियोजनाएँ और बाँध बनाए गए हैं, जो कृषि उत्पादन और जल संसाधन विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
निष्कर्ष:
हिमालय से निकलने वाली गंगा, यमुना, और सिंधु नदियाँ भारतीय उपमहाद्वीप की प्रमुख जीवनरेखाएँ हैं। ये नदियाँ न केवल जल संसाधन प्रदान करती हैं, बल्कि उनके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्व भी अत्यधिक हैं।