दिल्ली को छोड़कर पूरे भारत में मॉनसूनी बारिश ने रफ्तार पकड़ ली है। पहाड़ों की बात करें तो वहां पर बादल गरजने के साथ ही खूब बरस भी रहे हैं, लेकिन राजधानी दिल्ली का हाल गर्मी की वजह से बेहाल है। देशभर के मुंह ही मोड़ लिया है। ऐसा लग रहा है कि दिल्ली में इस बार मॉनसून लुका- छिपी का खेल खेल रहा है।
मॉनसून के आगमन के साथ 28 जून को इतनी बारिश हुई कि दिल्ली दरिया बन गई। इसके बाद बहुत कम बारिश हुई। मौसम विभाग के मुताबिक, 17 जुलाई तक सफदरजंग केंद्र में 108 मिमी बारिश रिकॉर्ड की जानी चाहिए थी, मगर अभी तक 75 मिमी ही बारिश हुई है। यानी अभी 30 फीसदी बारिश कम हुई है।
इस बीच भारी या मध्यम बारिश के पूर्वानुमान कई बार गलत साबित हुए। ऐसा भी हुआ है, भारी बारिश का रिज अधिकांश हिस्सों में हो रही 00 मॉनसूनी बारिश से दिल्ली से 0 अलर्ट जारी हो, लेकिन इक्का-दुक्का इलाकों में ही बूंदाबांदी हुई। कुछ इलाको में अगर बूंदाबांदी होती भी है तो कुछ मिनट में ही बंद हो जाती है। जिसकी वजह से यहां का तापमान भी बढ़ गया है। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में बादल झूमकर बरस रहे हैं।
वहीं मौसम विभाग ने जून तक अपने पूर्वानुमानों की सटीकता को लेकर विश्लेषण जारी किया है। इससे पता चलता है कि पहले के मुकाबले मॉनसून के पूर्वानुमान कम सटीक साबित हो रहे हैं। वर्ष 2022 की तुलना में इस बार मौसम के पूर्वानुमान 19 फीसदी तक कम सटीक साबित हुए हैं। मौसम निगरानी संस्था के विशेषज्ञ महेश पालावत बताते हैं कि भारत जैसे ट्रापिकल क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन का असर सबसे ज्यादा है। इसके चलते मौसम का मिजाज पहले से बदला हुआ है, इसलिए अब सटीक पूर्वानुमान के लिए ज्यादा सघन पूर्वानुमान मॉडल तैयार करने की जरूरत है।