नई दिल्ली, 4 दिसंबर 2025।
मध्य प्रदेश में कथित तौर पर कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से 20 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चेन्नई स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक जी. रंगनाथन और उनके परिजनों की संपत्तियों को कुर्क कर लिया है। एजेंसी ने धनशोधन निरोधक कानून के तहत कोडम्बक्कम स्थित दो फ्लैट अटैच किए हैं जिनकी कीमत लगभग 2.04 करोड़ रुपये बताई गई है।
फार्मा-ग्रेड की जगह इंडस्ट्रियल-ग्रेड सामग्री का इस्तेमाल
ED की जांच में यह खुलासा हुआ है कि कोल्ड्रिफ सिरप बनाने के लिए कंपनी ने फार्मा-ग्रेड की जगह इंडस्ट्रियल-ग्रेड कच्चे माल का इस्तेमाल किया। न केवल यह सामग्री गुणवत्ता जांच से नहीं गुजरी थी, बल्कि इसे बिना बिल के नकद में खरीदा गया था।
जांच एजेंसी के अनुसार, कंपनी ने मुनाफा बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर अनुचित व्यापारिक प्रथाओं का सहारा लिया।
तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल अधिकारियों पर भी सवाल
फेडरल एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि तमिलनाडु औषधि नियंत्रण विभाग के अधिकारी कंपनी के मालिक रंगनाथन के साथ लगातार संपर्क में थे, लेकिन इसके बावजूद कंपनी का आवश्यक वार्षिक निरीक्षण (Annual Inspection) नहीं किया गया।
रंगनाथन को मध्य प्रदेश पुलिस ने अक्टूबर में गिरफ्तार किया था और इस मामले की जांच में तमिलनाडु पुलिस भी शामिल है।
मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के बाद देशभर में कार्रवाई तेज
संसद में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने जानकारी दी कि मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद देशभर की 700 से अधिक कफ सिरप कंपनियों की कड़ी जांच की जा रही है।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, पंढुर्ना और बैतूल जिलों में कम से कम 26 बच्चों की मौत कथित तौर पर कोल्ड्रिफ सिरप देने के बाद हुई, जिनमें अधिकांश की किडनी फेल्योर की पुष्टि हुई।
ईडी द्वारा दर्ज मामला
ED ने मध्य प्रदेश और तमिलनाडु पुलिस की FIRs के आधार पर धनशोधन का केस दर्ज किया है। एजेंसी के अनुसार, दोषी कंपनी ने उत्पादन लागत कम करने और मुनाफा बढ़ाने की कोशिश में गुणवत्ता मानकों की गंभीर अनदेखी की, जिसके परिणामस्वरूप यह बड़ा हादसा हुआ।


