कोलकाता, 4 दिसंबर 2025।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NSCBI), कोलकाता एक बार फिर विवाद के केंद्र में है। एयरपोर्ट के ऑपरेशनल रनवे के बेहद करीब स्थित 130 साल पुरानी बांकरा मस्जिद को लेकर सुरक्षा बनाम आस्था की बहस तेज हो गई है। यह देश का संभवतः एकमात्र एयरपोर्ट है, जिसके ऑपरेशन एरिया में मस्जिद स्थित है, और हाल में बढ़ी विमान सुरक्षा चिंताओं के बीच यह मुद्दा फिर सुर्खियों में है।
रनवे से 300 मीटर से भी कम दूरी पर मस्जिद
एयरपोर्ट के सेकेंडरी रनवे के उत्तरी हिस्से पर मौजूद बांकरा मस्जिद लगभग 1890 से 1,200 वर्ग फुट जमीन पर स्थित है।
एयरपोर्ट का विस्तार 20वीं सदी और 1960 के दशक में हुआ, जिसके बाद मस्जिद एयरपोर्ट क्षेत्र के भीतर आ गई। यह स्थिति अधिकारियों को कई दशक बाद समझ में आई।
MoCA के जवाब से विवाद फिर भड़का
मुद्दा तब गरमाया जब पश्चिम बंगाल BJP प्रमुख समिक भट्टाचार्य के सवाल पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) का जवाब सार्वजनिक हुआ।
मंत्रालय ने यह स्वीकार किया कि सेकेंडरी रनवे के पास मस्जिद मौजूद है और यह कुछ परिस्थितियों में विमान संचालन पर प्रभाव डाल सकती है।
BJP IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने मंत्रालय के जवाब का हवाला देते हुए कहा कि मस्जिद की वजह से रनवे की थ्रेशहोल्ड 88 मीटर तक खिसकानी पड़ती है, जिससे आपात स्थितियों में रनवे के सुरक्षित उपयोग पर असर होता है।
राजनीतिक बयानबाज़ी तेज
BJP नेताओं का कहना है कि सुरक्षा से जुड़ा मामला किसी भी प्रकार की राजनीति या तुष्टीकरण से ऊपर होना चाहिए।
साल की शुरुआत में भी नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने एयरपोर्ट की सुरक्षा पर सवाल उठाया था और आरोप लगाया था कि बाउंड्री ठीक से सील नहीं है तथा मस्जिद को स्थानांतरित न किए जाने के कारण एयरपोर्ट विस्तार योजना रुकी हुई है।
मस्जिद को शिफ्ट करने का प्रस्ताव, समुदाय की असहमति
पिछले कई दशकों में राज्य और केंद्र सरकारों ने मस्जिद को एयरपोर्ट परिसर के बाहर किसी नजदीकी स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन समुदाय ने इन प्रस्तावों को स्वीकार नहीं किया।
स्थिति लंबे समय से यथावत बनी हुई है, जिसके चलते सुरक्षा एजेंसियाँ और विमानन अधिकारी समय–समय पर चिंता जताते रहे हैं।
आस्था बनाम सुरक्षा – टकराव बढ़ता जा रहा है
जहाँ एक तरफ मस्जिद की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता का मुद्दा उठ रहा है, वहीं दूसरी ओर विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ इसे रनवे संचालन से जुड़ी गंभीर चिंता बताते हैं।
देश में हाल के विमान हादसों और रनवे सुरक्षा के सख्त मानकों के बाद यह मुद्दा एक बार फिर राष्ट्रीय बहस का विषय बन गया है।


