बिहार में विपक्ष के महागठबंधन ने एक बार फिर से पटखनी खाई है. अब वह सत्ता पक्ष की जीत को अनैतिक बता रहा है तथा इलेक्शन कमीशन, एसआईआर व ईवीएम पर अपनी हार का ठीकरा फोड़ रहा है. इधर सत्ता पक्ष अपनी संगठित कार्यकर्ताओं व रणनीति से बार-बार जीत का जश्न मना रहा है. मुझे लगता है कि विपक्ष यदि सत्ता पक्ष को चुनाव में कड़ी टक्कर देना चाहता है तो उसे अपनी हार की ईमानदार समीक्षा करनी होगी. अपनी कमजोरियों का पता लगाकर उन पर काम करना होगा. वर्ना उनकी हार का ट्रेंड बदलना केवल सत्ता पक्ष की एंटी इनकंबेंसी ( सत्ता विरोधी लहर ) पर निर्भर रहेगा, जिस पर नियंत्रण करने में सत्ता पक्ष ने महारथ हासिल कर ली है. आपकी क्या राय है ?
इंजी. मधुर चितलांग्या , संपादक , दैनिक पूरब टाइम्स


