भारतवंशी इंजीनियर सुचिर बालाजी की मौत, जो कि ओपनएआई में काम कर रहे थे, पर अब कई सवाल खड़े हो गए हैं। उनकी मृत्यु के बाद की परिस्थितियाँ और उनके द्वारा ओपनएआई और चैटजीपीटी के खिलाफ लगाए गए आरोपों ने मामला और पेचीदा बना दिया है।
बालाजी के माता-पिता, विशेष रूप से उनकी मां पूर्णिमा रामाराव, इस मामले की जांच में अनियमितताओं का आरोप लगा रही हैं। उन्होंने दावा किया कि पुलिस के आत्महत्या के निष्कर्ष के विपरीत, प्राइवेट जांच से यह साबित हुआ कि कुछ और ही हुआ था। बालाजी की मां ने एलन मस्क से मदद की अपील की है, जिनकी प्रतिक्रिया भी इस पर आई है, जिसमें उन्होंने इसे आत्महत्या जैसा नहीं बताया।
इस दुखद घटना ने एआई और डेटा उपयोग के विवादास्पद पहलुओं पर भी ध्यान आकर्षित किया है, जो बालाजी ने अपने इस्तीफे के बाद उठाए थे। उनकी नीतियों और ओपनएआई के संचालन के बारे में चिंता को लेकर उन्होंने सार्वजनिक मंचों पर कई बार अपनी बात रखी थी। यह मामला अब न केवल परिवार के लिए, बल्कि एआई उद्योग और डेटा सुरक्षा के मुद्दों पर भी एक महत्वपूर्ण सवाल उठाता है।