प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका में प्रमुख प्रौद्योगिकी सीईओ के साथ ‘सार्थक’ गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया
न्यूयॉर्क (अमेरिका), 23 सितंबर – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका में तकनीकी क्षेत्र की शीर्ष कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ एक ‘सार्थक’ गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने भारत में विकास की संभावनाओं पर जोर दिया और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने की पहल पर चर्चा की। यह बैठक उनके तीन दिवसीय अमेरिका दौरे के दूसरे दिन ‘लोट्टे न्यूयॉर्क पैलेस होटल’ में आयोजित की गई।
इस सम्मेलन में एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों में कार्यरत 15 प्रमुख अमेरिकी कंपनियों के सीईओ शामिल हुए। मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने अनुभव साझा करते हुए लिखा, “न्यूयॉर्क में प्रौद्योगिकी क्षेत्र के सीईओ के साथ सार्थक गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया। प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष से संबंधित मुद्दों पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई, और भारत की प्रगति पर भी प्रकाश डाला गया।”
विदेश मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मोदी ने सम्मेलन के दौरान बताया कि प्रौद्योगिकी में सहयोग और महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकियों पर पहल (आईसीईटी) भारत-अमेरिका के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की नींव है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि उनके तीसरे कार्यकाल में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कंपनियों को भारत की विकास यात्रा का लाभ उठाने के लिए सहयोग और नवोन्मेष में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।
प्रेस विज्ञप्ति में यह भी उल्लेख किया गया है कि कंपनियां भारत में सह-विकास, सह-डिजाइन और सह-उत्पादन कर सकती हैं, जिससे वे भारत के आर्थिक और तकनीकी विकास से उत्पन्न अवसरों का लाभ उठा सकेंगी।
यह सम्मेलन ‘मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग’ द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, अडोब के सीईओ शांतनु नारायण, एक्सेंचर की सीईओ जूली स्वीट, और एनवीआईडिया के सीईओ जेन्सेन हुआंग जैसे शीर्ष तकनीकी नेताओं ने भाग लिया।
मोदी ने बौद्धिक संपदा की सुरक्षा और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को भी उजागर किया। उन्होंने विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विनिर्माण के क्षेत्र में चल रहे आर्थिक परिवर्तनों पर चर्चा की।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार भारत को ‘सेमीकंडक्टर विनिर्माण का वैश्विक केंद्र’ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा, उन्होंने भारत की ‘बायो ई3’ नीति, जो पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देती है, के महत्व पर भी जोर दिया।
एआई के क्षेत्र में भारत की नीति का भी उल्लेख करते हुए, मोदी ने कहा कि यह नीति सभी के लिए एआई को बढ़ावा देने और इसके नैतिक एवं जिम्मेदार उपयोग पर आधारित है।
सम्मेलन में उपस्थित सीईओ ने भारत के बढ़ते वैश्विक प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में उभरने की सराहना की और इसकी नवोन्मेष-अनुकूल नीतियों एवं समृद्ध बाजार अवसरों के प्रति गहरी रुचि व्यक्त की।
इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी का यह सम्मेलन न केवल भारत के विकास की संभावनाओं को उजागर करता है, बल्कि अमेरिका के शीर्ष तकनीकी उद्योगपतियों के साथ सहयोग को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।