ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार (स्थानीय समय) को घोषणा की कि यदि अमेरिकी टैरिफ लागू होते हैं, तो कनाडा भी मंगलवार की मध्यरात्रि से अमेरिकी वस्तुओं पर प्रतिशोधी टैरिफ लगाएगा। उन्होंने कहा कि कनाडा अपनी अर्थव्यवस्था, नौकरियों और निष्पक्ष व्यापार समझौते की रक्षा के लिए मजबूती से खड़ा रहेगा।
ट्रूडो ने स्पष्ट किया कि अमेरिकी प्रशासन ने कनाडाई निर्यात पर 25% और कनाडाई ऊर्जा पर 10% टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है, जिसका कोई औचित्य नहीं है। जवाब में, कनाडा भी 155 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की अमेरिकी वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाएगा, जिसकी शुरुआत 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सामान से होगी और शेष 125 बिलियन अमेरिकी डॉलर के उत्पादों पर 21 दिनों में टैरिफ लगाया जाएगा।
ट्रंप के ऐलान के बाद ट्रूडो की कड़ी प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री ट्रूडो का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस ऐलान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 4 मार्च से अमेरिकी टैरिफ लागू किए जाएंगे और इसे टालने का कोई विकल्प नहीं है। ट्रंप ने यह भी कहा कि टैरिफ पूरी तरह से तय हैं और इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
कनाडा ने फेंटेनाइल संकट पर भी दिया जवाब
अमेरिका द्वारा अवैध दवाओं के प्रवाह को रोकने के लिए टैरिफ लगाने के तर्क को खारिज करते हुए ट्रूडो ने कहा कि यू.एस. सीमा पर जब्त किए गए फेंटेनाइल का 1% से भी कम कनाडा से आता है। उन्होंने बताया कि कनाडा ने इस संकट से निपटने के लिए $1.3 बिलियन की सीमा सुरक्षा योजना लागू की है, जिसमें नए हेलिकॉप्टर, सीमा सुरक्षा बलों की तैनाती और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक कार्टेल के खिलाफ सख्त कार्रवाई शामिल है।
क्या होगा असर?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस व्यापार युद्ध से दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अमेरिकी टैरिफ से कनाडा को बड़ा आर्थिक झटका लग सकता है, जबकि कनाडाई टैरिफ के कारण अमेरिकी उपभोक्ताओं को किराने का सामान, गैस और ऑटोमोबाइल जैसे उत्पादों के लिए अधिक भुगतान करना पड़ सकता है।
अब देखना होगा कि क्या दोनों देश इस मुद्दे पर बातचीत के जरिए समाधान निकालते हैं या फिर यह व्यापार विवाद आगे बढ़ता है।