fbpx

Total Views- 523,739

Total Users- 523,739

Friday, November 8, 2024

ग़ाज़ा: अत्याचार अपराधों को अंजाम दिए जाने की आशंका, यूएन रिपोर्ट



इस रिपोर्ट में नवम्बर 2023 से अप्रैल 2024 तक, छह महीने की अवधि के दौरान हुए उल्लंघन मामलों का विश्लेषण किया गया है. यूएन कार्यालय का मानना है कि आम नागरिकों को जान से मारने और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के हनन की अनेक घटनाओं को युद्ध अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है.

रिपोर्ट में ध्यान दिलाया गया है कि अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय ने अपने सिलसिलेवार आदेशों में इसराइल को उसके दायित्व के प्रति सचेत किया है: जनसंहार व निषिद्ध आचरण के कृत्यों की रोकथाम व उसे अंजाम दिए जाने पर दंड का प्रावधान.

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने ज़ोर देकर कहा कि इसराइल को तत्काल इन दायित्वों का निर्वहन करना होगा, ऐसे मामलों से जुड़ी जानकारी व साक्ष्यों को एकत्र करना होगा व उन्हें सुरक्षित रखना होगा.

उनके अनुसार, उत्तरी ग़ाज़ा में जारी सैन्य कार्रवाई और फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) के कामकाज को प्रभावित करने वाले क़ानूनों के मद्देनज़र यह अहम है. 

जवाबदेही पर ज़ोर

मानवाधिकार उच्चायुक्त ने ध्यान दिलाया है कि देशों का यह दायित्व है कि अत्याचार अपराधों की रोकथाम की जाए. इस क्रम में उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय क़ानून और जवाबदेही तंत्र व प्रक्रियाओं, जैसेकि अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के कामकाज को समर्थन देने का अनुरोध किया.

रिपोर्ट दर्शाती है कि ग़ाज़ा में आम नागरिकों को इसराइल पर हुए हमलों, फिर बाद में इसराइली सरकार द्वारा मानवीय सहायता आपूर्ति सुनिश्चित ना कर पाने, बार-बार सामूहिक रूप से विस्थापित होने और बुनियादी ढाँचों के ध्वस्त होने का ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ा है.

मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, इसराइली सैन्य बलों की कार्रवाई की वजह से अभूतपूर्व स्तर पर लोग हताहत हुए हैं, और वे भुखमरी, बीमारी का शिकार हैं.

फ़लस्तीनी हथियारबन्द गुटों ने भी लड़ाई के जैसे तौर-तरीक़े अपनाए हैं, उससे भी आम नागरिकों को नुक़सान पहुँचा है.

7 अक्टूबर के बर्बर हमले

रिपोर्ट बताती है कि 7 अक्टूबर 2023 को, हमास व अन्य फ़लस्तीनी हथियारबन्द गुटों ने बड़े पैमाने पर अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन किया. इसराइल व विदेशी नागरिकों पर हमले किए गए, उन्हें जान से मारा गया, आम लोगों के साथ बुरा बर्ताव, यौन हिंसा को अंजाम दिया गया और अनेक को बन्धक बना लिया गया.

इन कृत्यों को युद्ध अपराध व मानवता के विरुद्ध अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है.

रिपोर्ट के अनुसार, 7 अक्टूबर के बाद, हमास व अन्य हथियारबन्द गुटों ने इन हमलों का जश्न मनाया, जोकि बेहद परेशान कर देने वाला और पूर्ण रूप से अस्वीकार्य है.

मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने ध्यान दिलाया कि युद्ध के नियम पिछले 160 वर्ष से प्रभावी हैं, जिनका उद्देश्य सशस्त्र टकराव के दौरान मानव पीड़ा की रोकथाम करना था.

“मगर, उनके लिए निर्मम बेपरवाही ही चरम सीमा पर मानव पीड़ा की वजह बन रही है, जिसे हम आज भी देख रहे हैं.”

महिलाओं व बच्चों की पीड़ा

बताया गया है कि यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ग़ाज़ा में हमलों, बमबारी व लड़ाई के दौरान मारे गए लोगों की निजी जानकारी सत्यापित करने में जुटा है. अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतकों में क़रीब 70 फ़ीसदी महिलाएँ व बच्चे हैं.

रिपोर्ट में क्षोभ व्यक्त किया गया है कि ये हमले अब भी जारी हैं और स्थानीय आबादी में आम नागरिक मारे जा रहे हैं, लेकिन उनकी मौत के प्रति बेपहरवाही प्रतीत होती है और इसके लिए अपनाए गए युद्धक तौर-तरीक़ों के प्रति भी.

मृतक बच्चों को तीन आयु वर्ग में विभाजित किया गया है: 5 से 9 वर्ष, 10 से 14 वर्ष और नवजात शिशु से 4 वर्ष. प्राप्त जानकारी के अनुसार, 70 फ़ीसदी की मौत रिहायशी इमारतों या वैसे ही घरों में हुई, जिनमें 44 प्रतिशत बच्चे और 26 फ़ीसदी महिलाएँ हैं.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की निगरानी के अनुसार, इसराइली सैन्य बलों ने घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बड़े इलाक़ों को नुक़सान पहुँचाने वाले हथियारों का इस्तेमाल किया. सफ़ेद फ़ास्फ़ोरस आयुध सामग्री का इस्तेमाल किए जाने की भी बात की गई है.

हालांकि कुछ मामलों में फ़लस्तीनी हथियारबन्द गुटों द्वारा दागे गए रॉकेट भी रिहायशी इलाक़ों में गिरने से जान-माल की हानि हुई है. रिपोर्ट में व्यवस्थित ढंग से अस्पतालों, पत्रकारों पर हुए हमलों और आबादी को जबरन एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजे जाने पर चिन्ता जताई गई है.

More Topics

जामुन खाने के फायदे: सेहत के लिए क्यों है यह फल चमत्कारी

जामुन, जिसे अंग्रेज़ी में जावा प्लम भी कहा जाता...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े