सांपों की दुनिया रहस्यमयी है, और उनके बारे में कई मिथक समाज में प्रचलित हैं। सांप मांसाहारी होते हैं और आमतौर पर मेंढक, चूहे, पक्षी, छिपकली, या छोटे सांपों का शिकार करते हैं। प्यास बुझाने के लिए वे केवल पानी पीते हैं। लेकिन सांपों को लेकर फैली एक गलत परंपरा – उन्हें दूध पिलाने की प्रथा – उनके लिए घातक साबित हो सकती है।
सांप को दूध पिलाना क्यों खतरनाक है?
- पाचन संबंधी समस्याएं:
सांप दूध पचाने में सक्षम नहीं होते क्योंकि उनके शरीर में दूध को तोड़ने वाले एंजाइम नहीं बनते। दूध उनके फेफड़ों और आंतों को नुकसान पहुंचाता है। - सपेरों की अमानवीयता:
नागपंचमी से पहले सपेरे सांपों को कई दिनों तक भूखा-प्यासा रखते हैं। ऐसे में, जब सांप को दूध दिया जाता है, तो वह उसे पानी समझकर पी लेता है। - घातक परिणाम:
दूध सांप के फेफड़ों में चला जाता है, जिससे निमोनिया हो सकता है। सांस नली (ग्लोटिस) बाधित होने के कारण उसका दम घुटने लगता है, और यह मौत का कारण बन सकता है।
विशेषज्ञों का नजरिया
सांपों के विशेषज्ञों का कहना है कि सांपों को दूध देना उनके लिए जानलेवा है। सांप जैसे रेंगने वाले जीवों में दूध पचाने की क्षमता नहीं होती। वैज्ञानिकों के अनुसार, सांप का शरीर तरल पदार्थों को अलग तरीके से ग्रहण करता है। दूध, पानी की तुलना में गाढ़ा होता है, और यह उनके श्वसन तंत्र को अवरुद्ध कर सकता है।
सांपों के लिए दूध जहर क्यों है?
सांप की सांस नली (ट्रैकिया) फेफड़ों से जुड़ी होती है। जब सांप दूध पीता है, तो यह फेफड़ों में भरकर उन्हें नुकसान पहुंचाता है। दाहिने फेफड़े का बड़ा हिस्सा सांस लेने में मदद करता है, लेकिन दूध इसमें रुकावट डालता है। इससे निमोनिया और घुटन के कारण सांप की मौत हो सकती है।
निष्कर्ष
सांप को दूध पिलाना उनके लिए जानलेवा है। यह प्रथा अज्ञानता और अंधविश्वास पर आधारित है। हमें इस गलत धारणा को दूर करना चाहिए और सांपों के प्रति दयालुता और जागरूकता को बढ़ावा देना चाहिए।
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