समुद्र का पानी खारा होने का मुख्य कारण यह है कि इसमें नमक और अन्य खनिज पदार्थ मिल जाते हैं। यह प्रक्रिया विभिन्न कारणों से होती है:
पानी का वाष्पीकरण: समुद्र के पानी में लवण (नमक) और खनिज पदार्थ घुलते रहते हैं। जब समुद्र का पानी वाष्पित होता है, तो पानी हवा में चला जाता है, लेकिन नमक और अन्य खनिज पदार्थ समुद्र में रह जाते हैं, जिससे पानी और खारा होता जाता है।
नदियों से खनिजों का प्रवाह: नदियाँ अपनी यात्रा के दौरान पृथ्वी की सतह से खनिजों और लवणों को अपने साथ ले जाती हैं। ये खनिज और लवण नदी के रास्ते समुद्र में मिलते हैं। जैसे-जैसे पानी का वाष्पीकरण होता है, यह खनिजों का संचय बढ़ता है।
समुद्र के भीतर से खनिजों का उत्सर्जन: समुद्र की गहराई में स्थित ज्वालामुखी गतिविधियाँ और अन्य भूवैज्ञानिक प्रक्रियाएँ खनिजों को समुद्र में छोड़ देती हैं। इससे भी समुद्र का पानी खारा होता है।
समुद्र के पानी का मिश्रण: दुनिया के विभिन्न महासागरों के पानी का मिश्रण होने से भी खारेपन में वृद्धि होती है, क्योंकि हर महासागर में खनिजों की अलग-अलग सांद्रता होती है।
समुद्र का पानी खारा इसलिए होता है क्योंकि इसमें प्राकृतिक रूप से घुला हुआ नमक (मुख्य रूप से सोडियम क्लोराइड) और अन्य खनिज होते हैं, जिनका स्रोत ऊपर बताए गए कारक हैं।
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