कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थल माना जाता है। हालांकि, कैलाश पर्वत की चढ़ाई अत्यंत कठिन है, और इसका शिखर कभी भी किसी पर्वतारोही द्वारा नहीं चढ़ा जा सका है। कैलाश पर्वत की ऊंचाई माउंट एवरेस्ट से 2000 मीटर कम होने के बावजूद, एवरेस्ट पर 7000 से ज्यादा लोग चढ़ चुके हैं। कैलाश पर्वत पर चढ़ाई की आखिरी कोशिश 2000 में हुई थी, लेकिन अब इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
कैलाश पर्वत की चढ़ाई न कर पाने के पीछे विज्ञान भी एक कारण है। कैलाश पर्वत की ढलान लगभग 65 डिग्री की है, जो माउंट एवरेस्ट की 40-50 डिग्री की ढलान से कहीं अधिक कठिन है। इसके अलावा, कैलाश पर मौसम भी प्रतिकूल रहता है, जिससे कई बार पर्वतारोहियों की जानें जा चुकी हैं।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, कैलाश पर्वत के शिखर पर समय रुक जाता है, और यह स्थान एक धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।