बालाघाट: बालाघाट जिले में स्थित हट्टा की बावड़ी, जो लगभग तीन सौ साल पुरानी है, अब जर्जर अवस्था में पहुंच गई है। यह बावड़ी इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती है, क्योंकि यहां तीन राजवंशों का शासन रहा है, जिसमें हैहय, गोंड और भोसले शामिल हैं। 17वीं शताब्दी में नागपुर शहर के संस्थापक बुलंद शाह द्वारा बनवायी गई इस बावड़ी का इस्तेमाल सैनिकों के रुकने, आराम करने और पानी पीने के लिए किया जाता था। इसके साथ ही, यहां एक अंडरग्राउंड रास्ता भी था, जो लांजी के किले से जुड़ता था।
आगे पढ़े1988 में इस बावड़ी को पुरातत्व विभाग के हवाले किया गया, लेकिन अब यह जगह जर्जर हो गई है और पर्यटकों द्वारा स्वच्छता की अनदेखी किए जाने के कारण यहां कचरे का अंबार लग गया है। पुरातत्व विभाग ने बताया कि इसके संरक्षण के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन पर्यटकों को भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इन ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने के लिए जागरूक होने की आवश्यकता है।
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