वर्ल्ड रेबीज डे 2024 की थीम, लक्षण और बचाव के उपाय जानें। यह वायरल बीमारी मुख्य रूप से कुत्तों और अन्य जानवरों के काटने से फैलती है। यहां जानें कि रेबीज से कैसे बचें।
हर साल 28 सितंबर को ‘वर्ल्ड रेबीज डे’ मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को इस खतरनाक वायरल बीमारी से बचाव के लिए जागरूक करना है। भारत में हर साल लगभग 20 हजार लोग रेबीज के कारण अपनी जान गंवाते हैं। यह बीमारी मुख्य रूप से कुत्ते के काटने से फैलती है, और देश में 15 साल से कम उम्र के बच्चों पर इसका प्रभाव अधिक देखने को मिलता है। इसके प्रति लोगों में जागरूकता की कमी है, इसलिए 28 सितंबर को रेबीज के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विश्वभर में यह दिन मनाया जाता है। आइए जानें 2024 की थीम, रेबीज के लक्षण, इसके फैलने के तरीके और इस घातक वायरस से बचाव के उपाय:
वर्ल्ड रेबीज डे 2024 की थीम:
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार, इस वर्ष वर्ल्ड रेबीज डे 2024 की थीम है “Breaking Rabies Boundaries”। इस थीम का उद्देश्य रेबीज के खिलाफ चल रही लड़ाई में प्रगति को आगे बढ़ाना और वर्तमान सीमाओं को तोड़ना है। इसमें खासतौर पर ग्रामीण और अविकसित क्षेत्रों में टीकाकरण, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा और संसाधनों तक पहुंच को बढ़ावा देने की बात की गई है, जहां रेबीज एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है।
रेबीज कैसे फैलता है?
बहुत से लोगों का मानना है कि रेबीज केवल कुत्ते के काटने से फैलती है, लेकिन यह सच नहीं है। रेबीज अन्य जानवरों के काटने से भी फैल सकती है। कुत्ते की लार में पाए जाने वाले लासा वायरस के कारण यह बीमारी फैलती है। जब एक कुत्ता किसी व्यक्ति को काटता है, तो यह वायरस उसके शरीर में प्रवेश कर जाता है और यदि 24 घंटों के भीतर एंटी-रेबीज वैक्सीन नहीं लिया जाता, तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
ये जानवर भी फैलाते हैं रेबीज:
रेबीज केवल कुत्तों से नहीं फैलता, बल्कि यह अन्य जानवरों से भी हो सकता है। जैसे कि – कुत्ता, बिल्ली, बंदर, चमगादड़, लोमड़ी, नेवला और गीदड़। यदि इनमें से कोई जानवर किसी को काटता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवाना चाहिए। इस बीमारी में लापरवाही बरतने पर व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।
रेबीज के लक्षण:
- तेज बुखार होना
- तेज सिरदर्द होना
- घबराहट और बेचैनी
- नींद की कमी
पशु के काटने पर क्या करें?
अगर किसी व्यक्ति को कोई पशु काट लेता है, तो सबसे पहले उस स्थान को साबुन से अच्छी तरह धो लें। इसके बाद, 24 घंटे के अंदर डॉक्टर से संपर्क करके एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवाएं। साथ ही, यदि आप कुत्ता या बिल्ली पालते हैं, तो उनका समय-समय पर टीकाकरण जरूर करवाएं ताकि उन्हें रेबीज का खतरा न हो।
(यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। कृपया किसी भी उपाय को अपनाने से पहले चिकित्सा पेशेवर से सलाह लें।)