टाइफाइड (Typhoid), जिसे मियादी बुखार भी कहा जाता है, एक संक्रामक रोग है जो साल्मोनेला टायफी (Salmonella Typhi) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह मुख्य रूप से दूषित भोजन और पानी के सेवन से फैलता है। आइए इसके बारे में संपूर्ण जानकारी पर चर्चा करते हैं:
टाइफाइड कैसे होता है?
- दूषित पानी और भोजन:
- पानी या भोजन जो साल्मोनेला टायफी बैक्टीरिया से संक्रमित है।
- कच्चे या अधपके भोजन के सेवन से।
- संक्रमित व्यक्ति से संपर्क:
- यदि कोई संक्रमित व्यक्ति शौचालय के बाद हाथ साफ किए बिना भोजन तैयार करे।
- संक्रमित व्यक्ति के मल या मूत्र के संपर्क में आने से।
- स्वच्छता की कमी:
- पीने का पानी दूषित हो।
- सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छता की कमी।
लक्षण
टाइफाइड के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 6-30 दिन बाद दिखाई देते हैं। इनमें शामिल हैं:
- लगातार बुखार: 102-104°F तक।
- कमजोरी और थकान।
- पेट में दर्द और अपच।
- भूख में कमी।
- सिरदर्द।
- डायरिया या कब्ज।
- स्किन पर गुलाबी रंग के रैशेज।
जांच और निदान
टाइफाइड की पुष्टि के लिए ये टेस्ट किए जाते हैं:
- विधाल टेस्ट (Widal Test): साल्मोनेला एंटीबॉडी की जांच।
- ब्लड कल्चर: रक्त में बैक्टीरिया का पता लगाना।
- स्टूल और मूत्र परीक्षण।
इलाज
- एंटीबायोटिक दवाएं:
- डॉक्टर की सलाह से दी जाती हैं, जैसे कि सिप्रोफ्लोक्सासिन या एजिथ्रोमाइसिन।
- हाइड्रेशन:
- शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए ORS या तरल पदार्थों का सेवन करें।
- विश्राम:
- पूरी तरह आराम करें और पौष्टिक आहार लें।
बचाव के उपाय
- सफाई और स्वच्छता:
- हमेशा हाथ धोएं, खासकर भोजन करने से पहले।
- उबला या शुद्ध पानी पीएं।
- ताजा और अच्छी तरह पकाया हुआ भोजन खाएं।
- टीकाकरण:
- टाइफाइड वैक्सीन लगवाएं।
घरेलू उपाय
- तुलसी और अदरक की चाय: इम्यूनिटी को बढ़ाती है।
- लहसुन: बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है।
- नींबू पानी: शरीर को हाइड्रेट रखता है।
- अनार और केला: कमजोरी दूर करने के लिए लाभदायक।
अगर लक्षण गंभीर हो जाएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। टाइफाइड का समय पर इलाज न किया जाए, तो यह आंतों में छेद, लीवर संक्रमण, और अन्य जटिलताएं पैदा कर सकता है।